छठ गीत- कवन सुगवा मार देलस ठोरवा – आशीष कुमार
प्रस्तुत हिंदी छठ गीत का शीर्षक “कवन सुगवा मार देलस ठोरवा” है जोकि आशीष कुमार, मोहनिया, बिहार की रचना है. यह उत्तर भारतीयों की आस्था की के महान पर्व छठ पर्व को आधार मानकर लिखा गया है.
प्रस्तुत हिंदी छठ गीत का शीर्षक “कवन सुगवा मार देलस ठोरवा” है जोकि आशीष कुमार, मोहनिया, बिहार की रचना है. यह उत्तर भारतीयों की आस्था की के महान पर्व छठ पर्व को आधार मानकर लिखा गया है.
हिंदी काव्य में नवीन विधि और प्रयोग के रूप में सृजित स्वरचित प्रेरणादायक अमात्रिक काव्य रचना –एक कदम चल…
प्राकृतिक आपदा अति मानव वाचालता के कारण आती है और क्या क्या मानव पर प्रभाव डालती है? इस रचना में जानिए।
पिरामिड रचना (शबरी ) हैं,बेर,नहीं ये;स्नेह नीर,अश्रु- बिंदु हैं;समर्पित तुम्हें,हे श्री रघुनन्दन! दी,ज्ञान,गुरु ने,परिचय,पाया पावन;तृषित पिपासा,पाऊं तेरा दर्शन!यूं,झुकी,कमर,विरहिणी;अंतर तम,आतुर मिलन,हे श्यामल बदन! ये,देखो,थकित,विगलित,अविचलित;चिर प्रतिक्षित,अपलक नयन! की,मैंने,करुण,प्रतीक्षा है;अब तो आओ,निष्ठुर बनो न,हे, स्नेह सदन! दो,रज,चरण,सुचि कणकृपा सुमन;मेरे मस्तक हो,हे, पतित पावन! साधना मिश्रा, रायगढ़- छत्तीसगढ़
इस व्यंग्य को केवल व्यंग्य की दृष्टि से ही पढ़े यह केवल मनोरंजन के लिए है | जो भी सन्दर्भ इसमें दिए गए हैं वे केवल कल्पना मात्र हैं जिसका सच से कोई सम्बन्ध नहीं है |
कुछ ले दे के साब ( व्यंग्य ) – अन्य लेख – व्यंग्य – मौलिक रचना – अनिल कुमार गुप्ता “अंजुम”