सतनाम पिरामिड रचना

सतनाम पिरामिड रचना हेनरतज तूनशाखोरीजाति प्रपंचचोरी, व्यभिचारअसत,हिंसा,हत्याअपना   सतनामकरूणा निधानदेगा सम्मानवही सच्चामहानधर्म है। #मनीभाई”नवरत्न”

गीता एक जीवन धर्म

महाभारत अर्जुन और कृष्ण

गीता एक जीवन धर्म यह कविता भगवद गीता के महत्व और उसके जीवन में अनुपालन के लाभ को दर्शाती है। इसे आगे बढ़ाते हुए प्रस्तुत है: गीता का ज्ञान गीता महज ग्रंथ नहीं, है यह जीवन धर्म।अमल कर उपदेश को, जान ले ज्ञान मर्म।गीता से मिलती, जीने का नजरिया।सुखमय बनाती जो अपनी दिनचर्या। ज्ञान झलके … Read more

साक्षात्कार :  निर्मोही जी से व्हाट्सएप गुफ्तगू

manibhai Navratna

साक्षात्कार :  निर्मोही जी से व्हाट्सएप गुफ्तगू 13/07/2017, 14:42:17: मनी भाई: आदरणीय बालकदास ‘निर्मोही ‘ जीनमस्कार ,कैसे है आप ? आशा है कि आप सकुशल होंगे। 13/07/2017, 14:44:07: बालकदास ‘निर्मोही’ जी: सादर नमस्कार सर, मैं सकुशल हूँ और आशा करता हूँ कि आप भी सकुशल होंगे। 13/07/2017, 14:44:49: मनी भाई: जी बिल्कुल सर 13/07/2017, 14:44:59: … Read more

मनीभाई के हाइकु अर्द्धशतक भाग 10

हाइकु

मनीभाई के हाइकु अर्द्धशतक भाग 10 1मानवाधिकारजब जग ने जानाराष्ट्र संयुक्त। 2वैश्विक तापसंकट में है राष्ट्रसुधरो आप। 3विश्व की शांतिपृथ्वी की सुरक्षाआतंक मिटा। 4अस्त्र की होड़विकास या विनाशअंधे की दौड़। 5भारत आयारंग भेद खिलाफसंसार जागा। 6चुनौती देतापर्यावरण रक्षाहे राष्ट्र!जुड़ो। 7 “मैं” और “तुम”खींच गई लकीरचलो “हम” हों।8 अस्त्र होती हैहिंसा की प्रतिमूर्तिलेती हैं शांति। 9 … Read more

प्रेमचन्द साव प्रेम पर कविता

प्रेमचन्द साव प्रेम पर कविता (1)हिमालय है मुकुट जैसा,चरण में हिन्द महासागर।कहीं पर राम जन्मा है,कहीं राधा नटवर नागर।है अपना देश मुनियों का,जहाँ पर धर्म पलता हैं।ये भारत वर्ष हैं अपना,जहाँ है प्रेम का गागर।                (2)जुबां पर प्रेम की बोली,हृदय में धर्म को धारो।कहीं मनभाव में जीना,कहीं मनभाव को मारो।मगर माँ भारती को,जो दिखाए … Read more