थके हुए हैं पाँव दूर बहुत है गाँव

ग्रामीण परिवेश पर रचना

हिंदी कविता संग्रह

हिंदी कविता संग्रह

ग्रामीण परिवेश पर रचना

इसे कविता में प्रातः कालीन छंटा का मानवीकरण है।

प्रातःकाल की छंटा बिखेरती कविता
मां सरस्वती वंदना और बसंत पंचमी विशेष रचना
वाणी वंदना : माँ वाणी अभिनंदन तेरा माँ वाणी, अभिनंदन तेरा, करती हिय से, वंदन तेरा, दिव्य रूप आँखों में भर लूं, तन हो जाये चंदन मेरा | माँ वाणी, अभिनंदन तेरा | जीवन अपना, अनुशासित हो, परिलक्षित हो, परिभाषित…
गणपति को विघ्ननाशक, बुद्धिदाता माना जाता है। कोई भी कार्य ठीक ढंग से सम्पन्न करने के लिए उसके प्रारम्भ में गणपति का पूजन किया जाता है। भाद्रपद महीने के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी का दिन “गणेश चतुर्थी” के नाम से…
बसंत पंचमी विशेष रचना ऋतुराज बसंत- शची श्रीवास्तव
लौट आओ बसंत न खिले फूल न मंडराई तितलियाँन बौराए आम न मंडराए भौंरेन दिखे सरसों पर पीले फूलआख़िर बसंत आया कब..? पूछने पर कहते हैं–आकर चला गया बसंत !मेरे मन में रह जाते हैं कुछ सवालकब आया और कब…

श्री रामचंद्र भगवान पर आधारित उपमेंद्र सक्सेना
की रचना पढिय़े
भीष्म महाराजा शान्तनु के पुत्र थे महाराज शांतनु की पटरानी और नदी गंगा की कोख से उत्पन्न हुए थे | उनका मूल नाम देवव्रत था। |हिंदू पंचांग के अनुसार हर साल माघ मास के कृष्ण पक्ष की नवमी तिथि को भीष्म पितामाह की जयंती मनाई…
गुरूपूर्णिमा विशेष दोहे करूँ नमन गुरुदेव को,जिनसे मिलता ज्ञान।सिर पर आशीर्वाद का,सदा दीजिए दान।।१।।*****हरि गुरु भेद न मानिए,दोनों एक समान।कुछ गुरु हैं घंटाल भी,कर लेना पहचान।।२।।*****प्रथम गुरू माता सुनो,दूजे जो दें ज्ञान।तीजे दीक्षा देत जो,जग गुरु सीख सुजान।।३।।*****ज्ञान गुरू देकर…
पृथ्वी दिवस: धरती हमारी माँ हमको दुलारती हैधरती हमारी माँ।आँचल पसारती हैधरती हमारी माँ। बचपन मे मिट्टी खायीफिर हम बड़े हुए।जब पाँव इसने थामातब हम खड़े हुए।ममता ही वारती हैधरती हमारी माँ।हमको दुलारती हैधरती हमारी माँ। तितली के पीछे भागेकलियाँ…