फूफा रिश्ता पर कविता

(बिहाव के सम्मे म फूफा के अलगेच रउब रईथे। काबरकि ओहर तईहा के भांटो मतलब  "सियान के भांटो" रईथे।
अऊ ओकर सियानी के  दिन काल भागत रईथे। तेकर जगह म मोर भांटो के पदवी आत रईथे । ओला ओहर सहन नई करन सके।
तिकर पाय बर ए कविता ल प्रयास करे गय हे:-)

जीवन में अनमोल है जल

जीवन में अनमोल है जल जल से उत्पत्ति जीवन की, निर्मित जल से, ब्रम्हाण्ड सकल जीवन में अनमोल है जल | निर्मल, निश्छल बहती धारा, मीठा कहीं, कहीं जल खारा, जिस पर आश्रित संसार विविध स्रोत मिलती जलधार झर-झर झरता…