जब दाँतों में बढ़ती पीड़ा
राष्ट्रीय दन्त- पीड़ा दिवस (9 फरवरी) पर गीत

हिंदी कविता संग्रह

हिंदी कविता संग्रह
राष्ट्रीय दन्त- पीड़ा दिवस (9 फरवरी) पर गीत
(बिहाव के सम्मे म फूफा के अलगेच रउब रईथे। काबरकि ओहर तईहा के भांटो मतलब "सियान के भांटो" रईथे।
अऊ ओकर सियानी के दिन काल भागत रईथे। तेकर जगह म मोर भांटो के पदवी आत रईथे । ओला ओहर सहन नई करन सके।
तिकर पाय बर ए कविता ल प्रयास करे गय हे:-)
छप्पय छन्द में बसंत पंचमी पर रचना
माघ कृष्ण पक्ष षटतिला एकादशी के उपलक्ष्य में रचना
बसंत पंचमी के उपलक्ष्य में
8 मार्च अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस हेतु प्रस्तुति
सकल सृष्टि पर व्याप्त
वायु पर रचना
विश्व कैंसर दिवस (4 फरवरी) पर रचना
देश की एकता व समभाव प्रस्तुत करती कविता
हमारे देश की विशेषता का वर्णन करती ये कविता
जीवन में अनमोल है जल जल से उत्पत्ति जीवन की, निर्मित जल से, ब्रम्हाण्ड सकल जीवन में अनमोल है जल | निर्मल, निश्छल बहती धारा, मीठा कहीं, कहीं जल खारा, जिस पर आश्रित संसार विविध स्रोत मिलती जलधार झर-झर झरता…

ग्रामीण परिवेश पर आधारित रचना