विश्व कविता दिवस – पद्मा साहू
साहित्य की आत्मा कविता प्रतियोगिता दिवस के लिए हैं। जो 4 से 19 अक्टूबर तक प्रकाशित करने के लिए है साहित्य की आत्मा, कविता होती है निरस कविता साहित्य में स्थान नहीं पा सकता।

हिंदी कविता संग्रह

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साहित्य की आत्मा कविता प्रतियोगिता दिवस के लिए हैं। जो 4 से 19 अक्टूबर तक प्रकाशित करने के लिए है साहित्य की आत्मा, कविता होती है निरस कविता साहित्य में स्थान नहीं पा सकता।
काका कलाम एक पाती तेरे नाम——————————————– काका कलाम,काका कलामबार बार करे हम तुझे सलाम हमे जरा तो बतलाओपहुंचे कैसे इस मुकाम क्या क्या पढे,क्या गढेदुनिया करें तुझे सलाम कितने सारे किये है शोधमिसाईल मेन पडा तेरा नाम अपने लक्ष्य के…
यह रचना हाथरस में हुई घटना पर तथा लचीली व्यवस्था पर सवाल खड़ा किया है!

2 अक्टूबर को राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के जन्मदिन के अवसर पर समर्पित कविता। यह कविता अन्तराष्ट्रीय अहिंसा दिवस का उत्सव गान भी करती है।
ऊर्जा संरक्षण (1)ऊर्जा सदा बचाइये,सीमित यह भंडार।धरती का वरदान है,जग विकासआधार। जग विकास आधार ,समझ कर इसे खरचना।बढ़े नहीं यह और ,सोचकर सभी बरतना। गीता सुन यह बात,चले सब दिन कल-पुर्जा।होगा संभव तभी,रहे जब रक्षित…
छतीसगढ़ दाई गमकत हे संगाती चंदन समान माटी नदिया पहाड़ घाटी छतीसगढ़ दाई। लहर- लहर खेती हरियर हीरा मोती जिहाँ…

युवा वर्ग आगे बढ़ें छन्द – मनहरण घनाक्षरी युवा वर्ग आगे बढ़ें, उन्नति की सीढ़ी चढ़ें, नूतन समाज गढ़ें, एकता बनाइये। नूतन विचार लिए, कर्तव्यों का भार लिए, श्रम अंगीकार…
धरती हमारी माँ हमको दुलारती है धरती हमारी माँ। आँचल पसारती है धरती हमारी माँ। बचपन मे …

राम जन्मभूमि मंदिर एक हिंदू मंदिर है जो भारत के उत्तर प्रदेश के अयोध्या में राम जन्मभूमि के पवित्र तीर्थ स्थल पर पुनः नए रूप में बनाया जा रहा हेैं। राम जन्मभूमि राजा राम का जन्मस्थान है, जिन्हे भगवान विष्णु के सातवे अवतार के रूप में पूजा जाता है। मंदिर का निर्माण श्री राम जन्मभूमि तीर्थक्षेत्र द्वारा किया…
बस यही दासतां हमारी है
प्रकृति पर कविता सप्त सुरीला संगीत है , प्रकृति का हर तत्व । सजा देता यह जीवन राग, भर देता है महत्त्व। एक एक सुर का अपना ,अलग ही अंदाज है । समझना तो पड़ेगा हमें ,अब तो इसका महत्व…

बापू पर कविता ये राष्ट्र सदा ऋणी रहेगा,बापू तेरे उपकार का।तू लाल भारत भूमि का,आदर्श बना संसार का।। वृद्ध वयस और दुर्बल काया,कोई ऐसी तो बात थी।हुंकार भरा जब-जब तूने,जनता तेरे साथ थी।नाव बनाया जनसमूह का,तू उसका पतवार था।तू लाल…