प्रेम भाव पर हिंदी कविता -डिजेन्द्र कुर्रे कोहिनूर

प्रेम भाव पर हिंदी कविता शांत सरोवर में सदा , खिलते सुख के फूल।क्रोध जलन से कब बना,जीवन यह अनुकूल।। मानवता के भाव का,समझ गया जो मर्म।उनके पावन कर्म से , रहता दूर अधर्म।। मन में हो विश्वास जब,जीवन बनता…

नीलम नारंग की कवितायेँ

नीलम नारंग की कवितायेँ दवा बन जा ले दर्द सारे किसी के लिए दवा बन जालेकर गम बस उसीका हमनवाँ बन जा सुन किसी के दिल की बात शिद्दत सेप्यार से समझा और राजदाँ बन जा काम आ दूसरों के…

दवा बन जा-नीलम नारंग

दवा बन जा ले दर्द सारे किसी के लिए दवा बन जा लेकर गम बस उसीका हमनवाँ बन जा सुन किसी के दिल की बात शिद्दत सेप्यार से समझा और राजदाँ बन जा काम आ दूसरों के सोच गम की…

क्रान्ति की राह पर -प्रकाश गुप्ता हमसफ़र

*” क्रान्ति की राह पर ”**- – – – – – – – – – – – – -* हमारे ज़िस्म कोबोटी-बोटी काट करहमारी ज़िन्दा रूह कीचीखों को निकालकरहमारे ख़ौलते खून कोऔर ज़रा उबालकरहमारे भीतर केइंसान को भी मारकरतुम बाँट…

संस्कारों का आधुनिकीकरण- पद्ममुख पंडा महापल्ली

“संस्कारों का आधुनिकीकरण” बचपन से ही है मेरी नजरसमाज के रहन सहन परखान पान;जीवन शैलीसंस्कारों की है जो धरोहर अपनी संस्कृति है ऐसीसुंदर और मनोहरजो यह कहती हैसंपूर्ण विश्व है अपना घर भारतीय परंपरा मेंसुबह चरण स्पर्श करबच्चे पाठशाला जातेमात…