कुल्हाड़ी पर कविता – आशीष कुमार

जीवन मूल्य चुकाती कुल्हाड़ी – आशीष कुमार कुल्हाड़ी तीखे नैन नक्श उसकेजैसे तीखी कटारीरुक रुक कर वार करतीतीव्र प्रचंड भारीअसह्य वेदना सह रहा विशाल वृक्षकाट रही है नन्हीं सी कुल्हाड़ी शक्ति मिलती उसको जिससेकर रही उसी से गद्दारीखट खटाक खट…

स्कूल चलें हम – अकिल खान

स्कूल चलें हम – अकिल खान है नन्हें पैर मेरे,हौसला अफजाई बढ़ाने को,जाता हूँ स्कूल पढ़ने,इस मन को पढ़ाने को।हूं अडिग,एक नया अध्याय लिखने को,जाता हूं स्कूल शिक्षा-ज्ञान सीखने को।शिक्षा से दूर करूं,मैं अशिक्षा का भ्रम,गढ़ने एक नया अध्याय,स्कूल चलें…

जीवन पर कविता – कुसुम

मुसाफिर हैं हम जीवन पथ के मुसाफिर हैं हम जीवन पथ केराहें सबकी अलग-अलगधूप-छांव पथ के साथी हैंमंज़िल की है सबको ललक। राही हैं संघर्ष शील सबदामन में प्यार हो चाहे कसकपीड़ा के शोलों में है कोईकोई पा जाता खुशियों…

जिन्दगी पर कविता – पुष्पा शर्मा

जिन्दगी का मकसद रोज सोचती हूँ।जिन्दगी का मकसदताकती ही रहती हूँमंजिल की लम्बी राह। सोचती ही रहती हूँप्रकृति की गतिविधियाँ,जो चलती रहती अविराम।सूरज का उदय अस्तरजनी दिवस का निर्माण। रात का अंधियारा करता दूरचाँद की चाँदनी का नूर।तारों की झिल…

आज भी बिखरे पड़े हैं – गंगाधर मनबोध गांगुली

आज भी बिखरे पड़े हैं – गंगाधर मनबोध गांगुली         गंगाधर मनबोध गांगुली ” सुलेख “           समाज सुधारक ” युवा कवि “ कल तक बिखरे पड़े थे ,           आज भी बिखरे पड़े हैं ।अपने आप को देखो ,             हम कहाँ पर खड़े…