कोठी तो बढ़हर के छलकत ले भरगे
कोठी तो बढ़हर के छलकत ले भरगे कोठी तो बढ़हर के* छलकत ले भरगे।बइमानी के पेंड़ धरे पुरखा हा तरगे॥अंतस हा रोथे संशो मा रात दिन।गरीब के आँसू हा टप-टप ले* ढरगे॥सुख के सपुना अउ आस ओखर मन के।बिपत के…

हिंदी कविता संग्रह

हिंदी कविता संग्रह
कोठी तो बढ़हर के छलकत ले भरगे कोठी तो बढ़हर के* छलकत ले भरगे।बइमानी के पेंड़ धरे पुरखा हा तरगे॥अंतस हा रोथे संशो मा रात दिन।गरीब के आँसू हा टप-टप ले* ढरगे॥सुख के सपुना अउ आस ओखर मन के।बिपत के…
कहें सच अभी वो जमाना नहीं है कहें सच अभी वो जमाना नहीं है।यहाँ सच किसी को पचाना नहीं है॥मिले जो अगर यूँ किसी को अँगाकर। खिला दो उसे तो पकाना नहीं है॥लगे लूटने सब निठल्ले यहाँ पर।उन्हें तो कमाना धमाना…
बाते सोलह आने सच है पानी के लिए कुँएँ बावली नल में होता है खूब जमावमहाराष्ट्र में लगा था धारा 144 देख कर भीड़ में टकराव पानी के स्रोतों के पास समूह नहीं हो सकते थे खड़ेजल संकट से जूझ…
कविता मेरी ऐसी हो कविता मेरी ऐसी होजिसमें हो कोई संदेश ।संतों की वाणी हो जिसमेंगीता का उपदेश ।गौतम हो गुरू नानक होहो उनकी गुरु वाणीगंगा जल की पवित्रता होमहानदी का पानी ।गंगा से सिंचित कविता कोमिले नया परिवेश ।संतों…
जीवन की है परिभाषा अक्षर अक्षर भावों से गुंजितकल्पना की मिठास है कविताकवि मन की मर्म अभिव्यंजनामृदु निर्झरित एहसास है कविता lसुख दुख से परिपूर्ण जीवन कीशब्द शक्ति की आशा है कवितारवि किरणों से भी सशक्त है येजीवन की है…
कविता क्या है? कम शब्दों में अधिक वर्णन कविता है ठेस लगी तो दुख का वर्णन कविता है भावनाओं का आकर्षक वर्णन कविता है शब्दों का तरंगित होना कविता है शब्दों का रोद्र हो जाना कविता है अनायास ही गुनगुनाना…
करना हो तो काम बहुत हैं नेकी के तो धाम बहुत हैंकरना हो तो काम बहुत हैं।सोच समझ रखे जो बेहतरउनके अपने नाम बहुत हैं।प्रेम रंग गहरा होता हैरंगों के आयाम बहुत हैं।गुण सम्पन्न बहुत होते हैंवैसे तो बदनाम बहुत…
यहाँ माँ पर हिंदी कविता लिखी गयी है .माँ वह है जो हमें जन्म देने के साथ ही हमारा लालन-पालन भी करती हैं। माँ के इस रिश्तें को दुनियां में सबसे ज्यादा सम्मान दिया जाता है। हमारी भाग्य विधाता मां…
समय -देवता देव,दनुज,नाग,नर,यक्ष,सभीनित मेरी महिमा गाते हैं।सत्ता सबसे ऊपर मेरी,सब सादर सीस झुकाते हैं।।1 देव मैं महान शक्तिशाली,हूँ अजर,अमर,अविनाशी मैं।सर्वत्र मेरा ही शासन है,नित प्रवहमान एकदिशीय मैं।।2 मेरी प्रवाह के साथ-साथ,जो अपनी कदम बढ़ाते हैं।पुरुषार्थी,परिश्रमी जन ही,जीवन-फल लाभ उठाते हैं।।3…
यहाँ माँ पर हिंदी कविता लिखी गयी है .माँ वह है जो हमें जन्म देने के साथ ही हमारा लालन-पालन भी करती हैं। माँ के इस रिश्तें को दुनियां में सबसे ज्यादा सम्मान दिया जाता है। तू ही मेरा प्रारब्ध…

यहाँ माँ पर हिंदी कविता लिखी गयी है .माँ वह है जो हमें जन्म देने के साथ ही हमारा लालन-पालन भी करती हैं। माँ के इस रिश्तें को दुनियां में सबसे ज्यादा सम्मान दिया जाता है। माँ तेरी ममता का…

यहाँ माँ पर हिंदी कविता लिखी गयी है .माँ वह है जो हमें जन्म देने के साथ ही हमारा लालन-पालन भी करती हैं। माँ के इस रिश्तें को दुनियां में सबसे ज्यादा सम्मान दिया जाता है। माँ पर कविता –…