हां मै कवि हूं

हां मै कवि हूं  जीने की राह दिखाता हूं।अपनी लेख से,लोगो को जगाता हूं।हा मै कवि हूं………रूठे मन को मनाता हूं।हास्य कविता लिखकरआम जनों को हसाता हूं।हां मै कवि हूं………कभी प्रकृति सौंदर्य।कभी श्रृंगार रस पर,नारी का वर्णन करता हूं।हां मै…

नमन हे विश्ववन्दनीय महावीर

नमन हे विश्ववन्दनीय महावीर त्याग और अहिंसा की मूर्ति है महावीर।क्षमा और करूणा का सागर है महावीर।दर्शन ज्ञान चरित्र की ज्योति है महावीर।‘रिखब’का नमन हे विश्ववन्दनीय महावीर!राजा सिद्धारथ के घर जन्में,माता जिसकी त्रिशला रानी।तीर्थंकर प्रभु की याद दिलाने,आई प्यारी महावीर…

पाँच वर्ष का है त्यौहार

पाँच वर्ष का है त्यौहार लोकतंत्र का रखना मान।जाकर करना तुम मतदान।पाँच वर्ष का है त्यौहार।चुन लेना अपनी सरकार।मत आना लालच में आप।वोट बेंचना होता पाप।सुधरे भारत की हालात।संसद भेजो रखने बात।लालच में आकर ना खोय।मत अपनी जस बेटी होय।पहनो…

मैं भुंइया अंव

मैं भुंइया अंव बछर- बछर ले पानी पीएव ,मोर कोरा के सुखला भोगेव,रोवत हे तुंहर महतारी ,मोर लइका मन अब तो चेतव,सब के रासा -बासा मोर संग,मैं जग के सिरजइया अंव।मैं भुंइया अंव, मै भुंइया अंव।मोर कोरा मा उपजेव खेलेव,जिनगी…

पिरामिड विधा पर रचना

हनुमत पिरामिड हेवायुतनयहनुमान दे वरदान रहें खुस हाल प्रभू  हर हाल में । हेदुखःहर्ता हेबजरंगीराम दुलारे भक्तन पुकारे हे कष्ट विनाशक। माँसीता को प्यारेले-मुदृकासमुद्र लांधे सिया सुधि लायेभक्तन हितकारी । श्रीराम छपतेलंका जला दानव   दलसंहार  करकेबाग उजारे प्रभू। लेवैद सुखेन…

चैत्र शुक्ल में मनाएं नवरात्रि त्यौहार

चैत्र शुक्ल में मनाएं नवरात्रि त्यौहार चैत्र शुक्ल में मनाएं ,नवरात्रि त्यौहार ।सुख वैभव भरपूर ,खुशियां मिले अपार ।। प्रथम दिवस शैलपुत्री कुँवारी कन्या माता ।पूजा करने वाला सुख-सम्पति पाता ।। ब्रह्मचारिणी देवी है, स्त्री रूप में गुरु ।ज्ञान आनंद…

कौन समय को रख सकता है

कौन समय को रख सकता है कौन समय को रख सकता है, अपनी मुट्ठी में कर बंद।समय-धार नित बहती रहती, कभी न ये पड़ती है मंद।।साथ समय के चलना सीखें, मिला सभी से अपना हाथ।ढल जातें जो समय देख के,…

चैत्र नवरात्र पर घनाक्षरी

नवदुर्गा सनातन धर्म में माता दुर्गा अथवा माता पार्वती के नौ रूपों को एक साथ कहा जाता है। इन नवों दुर्गा को पापों की विनाशिनी कहा जाता है, हर देवी के अलग अलग वाहन हैं, अस्त्र शस्त्र हैं परन्तु यह…

मौत का कुछ तो इंतज़ाम करें

मौत का कुछ तो इंतज़ाम करें मौत का कुछ तो इंतज़ाम करें,नेकियाँ थोड़ी अपने नाम करें।कुछ सलीका दिखा मिलें पहले,बात लोगों से फिर तमाम करें।सर पे औलाद को न इतना चढ़ा,खाना पीना तलक हराम करें।दिल में सच्ची रखें मुहब्बत जो,महफिलों…

अब क्या होत है पछताने से

अब क्या होत है पछताने से तनको मलमल धोया रे और मनका मैल न धोयाअब क्या होत है पछताने से वृथा जनम को खोया रेभक्ति पनका करे दिखावा तूने रंगा चदरिया ओढ़करछल कपट की काली कमाई संग ले जाएगा क्या…

जग में तू आया मानव

जग में तू आया मानव इस जग में तू आया मानव,कर्म सुनहरा करने को।फिर क्यों बैठा सड़क किनारे,लिए कटोरा हाथों में।कंचन जैसे यह सुन्दर कायाव्यर्थ में कैसे झोंक दिया।आलस्य लबादा ओढ़के तूने,स्वाभिमान को बेच दिया।सक्षम  होकर  लाज  न आयी,बिना कर्म…

लोकतंत्र की हत्या

लोकतंत्र की हत्या आज भी सजा था मंचसामने थे बैठेअसंख्य श्रद्धालुगूंज रही थींमधुर स्वर लहरियाँभजनों कीआज के सतसंग मेंआया हुआ थाएक बड़ा नेताप्रबंधक लगे थेतौल-मौल मेंप्रवचन थे वही पुरानेकहा गया ‘हम हैं संत’संतों ने क्या लेनाराजनीति सेसमस्त श्रद्धालुओं नेकिया एक…