बाबूलाल शर्मा बौहरा के नवगीत
बाबूलाल शर्मा बौहरा के नवगीत कहानी मोड़ मन मानस कहानी मोड़ मन मानसउदासी छोड़नी होगी।पिपासा पीर विश्वासीनिराशा भूल मन योगी।। गरीबी की नहीं गिनतीदुखों का जब पहाड़ा होनही बेघर नदी समझोकिनारा तल अखाड़ा ।वृथा भटको नहीं बादलविरह पथ दर्द संयोगी।,। उजाले भूल मन चातकअँधेरे सिंधु से ले लोबहे सावन दृगों से हीअकालों का यजन झेलोबहे … Read more