कुंवर नारायण की लोकप्रिय कवितायेँ

व्यक्तित्व विशेष कविता संग्रह

यहाँ पर कुंवर नारायण की लोकप्रिय कवितायेँ दिए जा रहे हैं जो भी आपको अच्छी लगे उसे आप कमेंट कर हमें जरुर बताएं बीमार नहीं है वह / कुंवर नारायण बीमार नहीं है वहकभी-कभी बीमार-सा पड़ जाता हैउनकी ख़ुशी के लिएजो सचमुच बीमार रहते हैं। किसी दिन मर भी सकता है वहउनकी खुशी के लिएजो … Read more

भारतेंदु हरिश्चंद्र की लोकप्रिय कवितायेँ

यहाँ पर भारतेंदु हरिश्चंद्र की लोकप्रिय कवितायेँ के पढेंगे . आपको जो भी कविता अच्छी लगे कमेंट करके जरुर बताएं

सोहनलाल द्विवेदी की लोकप्रिय कवितायेँ

जी होता चिड़िया बन जाऊँ / सोहनलाल द्विवेदी जी होता, चिड़िया बन जाऊँ!मैं नभ में उड़कर सुख पाऊँ! मैं फुदक-फुदककर डाली पर,डोलूँ तरु की हरियाली पर,फिर कुतर-कुतरकर फल खाऊँ!जी होता चिड़िया बन जाऊँ! कितना अच्छा इनका जीवन?आज़ाद सदा इनका तन-मन!मैं भी इन-सा गाना गाऊँ!जी होता, चिड़िया बन जाऊँ! जंगल-जंगल में उड़ विचरूँ,पर्वत घाटी की सैर … Read more

हर तरफ है भ्रष्टाचार – आशीष कुमार

प्रस्तुत गीत का शीर्षक “हर तरफ है भ्रष्टाचार है” जोकि आशीष कुमार (मोहनिया, कैमूर, बिहार) की रचना है. इसे वर्तमान समाज में फैले भ्रष्टाचार को आधार मानकर रचा गया है. इस रचना के माध्यम से बताया गया है कि हमारे समाज में भ्रष्टाचार कितनी गहरी पैठ बना चुका है.

विनोद सिल्ला की व्यंग्य कवितायेँ

यहाँ पर विनोद सिल्ला की व्यंग्य कवितायेँ प्रकाशित की गयी हैं आपको कौन सी अच्छी लगी कमेंट कर जरुर बताएँगे दो-दो भारत वंचितों  की  बस्तियां  इस  ओर  हैं,सम्पन्नों  की  बस्तियां  उस ओर  हैं, उधर महके  सम्पन्नता  में  छोर-छोर,इधर अभावग्रस्त  है  हर  कोर-कोर, उधर पकवानों की  महक  उठी  है,इधर पतीली उपेक्षित  सी  पड़ी  है, उधर पालतू … Read more