
योग भगाये रोग / कंचन कृतिका
कंचन कृतिका की कविता “योग भगाये रोग” योग के शारीरिक और मानसिक लाभों को उजागर करती है। इस कविता में योग के महत्व और उसके द्वारा रोगों के निवारण का वर्णन किया गया है। कवि ने योग को एक चमत्कारी…
कंचन कृतिका की कविता “योग भगाये रोग” योग के शारीरिक और मानसिक लाभों को उजागर करती है। इस कविता में योग के महत्व और उसके द्वारा रोगों के निवारण का वर्णन किया गया है। कवि ने योग को एक चमत्कारी…
विनोद सिल्ला की कविता “सरकारी योग दिवस” में योग दिवस के औपचारिक और सरकारी रूप को चित्रित किया गया है। कविता के माध्यम से कवि ने योग दिवस के आयोजन की प्रक्रिया, उसकी तैयारियों और इसके सामाजिक-राजनीतिक महत्व को व्यंग्यात्मक…
इस कविता में कवि राजेश पाण्डेय ‘अब्र’ सहज योग को अपनाने और उसके लाभों के बारे में बता रहे हैं। सहज योग एक ऐसी साधना है जो सरलता से की जा सकती है और इसके माध्यम से व्यक्ति आत्मज्ञान और…
“योग को अपनाना है” यह कविता प्रियांशी मिश्रा द्वारा लिखी गई है। इस कविता में वे योग के महत्व को समझाने और इसे अपने जीवन में शामिल करने के प्रेरणात्मक संदेश को व्यक्त करती हैं। योग को एक उपयुक्त तकनीक…
अंतरराष्ट्रीय योग दिवस का महत्व व्यापक रूप से माना जाता है, जो हर साल 21 जून को मनाया जाता है। इस दिन कई देशों में योग के महत्व को साझा करने के लिए कई कार्यक्रम आयोजित होते हैं। योग एक…