हर तरफ है भ्रष्टाचार – आशीष कुमार

प्रस्तुत गीत का शीर्षक “हर तरफ है भ्रष्टाचार है” जोकि आशीष कुमार (मोहनिया, कैमूर, बिहार) की रचना है. इसे वर्तमान समाज में फैले भ्रष्टाचार को आधार मानकर रचा गया है. इस रचना के माध्यम से बताया गया है कि हमारे समाज में भ्रष्टाचार कितनी गहरी पैठ बना चुका है.

विनोद सिल्ला की व्यंग्य कवितायेँ

यहाँ पर विनोद सिल्ला की व्यंग्य कवितायेँ प्रकाशित की गयी हैं आपको कौन सी अच्छी लगी कमेंट कर जरुर बताएँगे दो-दो भारत वंचितों  की  बस्तियां  इस  ओर  हैं,सम्पन्नों  की  बस्तियां  उस ओर  हैं, उधर महके  सम्पन्नता  में  छोर-छोर,इधर अभावग्रस्त  है  हर  कोर-कोर, उधर पकवानों की  महक  उठी  है,इधर पतीली उपेक्षित  सी  पड़ी  है, उधर पालतू … Read more

सूर्यकान्त त्रिपाठी ‘निराला’ की प्रसिद्ध कवितायेँ

यहाँ पर सूर्यकान्त त्रिपाठी ‘निराला’ की प्रसिद्ध कवितायेँ के बारे में बताया गया है , आपको कौन सी अच्छी लगी कमेंट कर जरुर बताएं खँडहर के प्रति / सूर्यकांत त्रिपाठी “निराला” खँड़हर! खड़े हो तुम आज भी?अदभुत अज्ञात उस पुरातन के मलिन साज!विस्मृति की नींद से जगाते हो क्यों हमें–करुणाकर, करुणामय गीत सदा गाते हुए? … Read more

श्रीधर पाठक की 10 लोकप्रिय कवितायेँ

यहाँ पर श्रीधर पाठक की 10 लोकप्रिय कवितायेँ दी जा रही हैं आपको कौन सी अच्छी लगी , कमेंट कर जरुर बताएं हिंद-महिमा / श्रीधर पाठक जय, जयति–जयति प्राचीन हिंदजय नगर, ग्राम अभिराम हिंदजय, जयति-जयति सुख-धाम हिंदजय, सरसिज-मधुकर निकट हिंदजय जयति हिमालय-शिखर-हिंदजय जयति विंध्य-कन्दरा हिंदजय मलयज-मेरु-मंदरा हिंदजय शैल-सुता सुरसरी हिंदजय यमुना-गोदावरी हिंदजय जयति सदा स्वाधीन … Read more

मनीभाई नवरत्न के हिंदी में चोंका

यहाँ पर हम आपको मनीभाई नवरत्न के हिंदी में चोंका प्रस्तुत कर रहे हैं यदि आपको पसंद आई हो या कोई सुझाव हो तो नीचे कमेंट जरुर करें हिंदी में चोंका इसे भी पढ़ें :- चोका कैसे लिखें(How to write Choka ) चोका :- शीत प्रकोप धुंधला भोरकुंहरा चहुं ओरकुछ तो जलाजाने क्या हुई बलाक्या … Read more