पेड़ की पुकार / सुनहरी लाल वर्मा ‘तुरंत’

save tree save earth

पेड़ की पुकार / सुनहरी लाल वर्मा ‘तुरंत’ रो-रोकर एक पेड़ लकड़हारे से एक दिन बोला क्यों काटता मुझको भैया तू है कितना भोला ! सोच समझ फिर बता मुझे मैं तेरा क्या लेता हूँ? मैं तो पगले! तुझको, जग को बहुत कुछ देता ही देता हूँ। सूरज से प्रकाश लेकर मैं खाना स्वयं पकाता … Read more

दान पर दोहे / डॉ एनके सेठी

doha sangrah

दान पर दोहे देवें दान सुपात्र को,यही न्याय अरु धर्म।तज दें मन से मोह को,सत्य यही है कर्म।।1।। न्याय दानऔर धर्म का,अब हो रहाअभाव।आज जगत से मिट रहा,आपस का सद्भाव।।2।। सत् का जीवन में कभी, होता नहींअभाव।होता है जो भी असत,रहे न उसका भाव।।3।। करता जो भी दान है, वह पाता सम्मान।अनासक्ति के भाव का, … Read more

फ़ैसले से फ़ासला इंसाफ़ का होने लगा/ रेखराम साहू

— फ़ैसले से फ़ासला इंसाफ़ का होने लगा— फ़ैसले से फ़ासला इंसाफ़ का होने लगा।यह तमाशा देखकर फ़रियाद है रोने लगा।। पाप दामन में बहुत हैं,पर उसे परवाह कब?गंग वह उल्टी बहाकर दाग़ है धोने लगा।। इस क़दर उसकी हवस है आसमां को छू रही।पाँव में पर लग गए जब वह ज़मीं खोने लगा।। वक़्त … Read more

परशुराम की प्रतीक्षा / रामधारी सिंह “दिनकर”

परशुराम की प्रतीक्षा / रामधारी सिंह "दिनकर"

परशुराम की प्रतीक्षा ChatGPT said: ChatGPT “परशुराम की प्रतीक्षा” कवि रामधारी सिंह ‘दिनकर’ की एक प्रसिद्ध कविता है, जिसमें कवि ने समाज में व्याप्त अन्याय, अत्याचार, और भ्रष्टाचार के खिलाफ एक नए परशुराम के अवतरण की प्रतीक्षा का वर्णन किया है। इस कविता में परशुराम का प्रतीक उन सभी शोषित और पीड़ित लोगों की आशाओं … Read more

सपनों का दाना /मनीभाई नवरत्न

किसान खेत जोतते हुए

सपनों का दाना /मनीभाई नवरत्न जमीन में दफन होकरपसीने से सिंचितकड़ी देखभाल मेंउगता है ,सपनों का दाना बनके। लाता है खुशियां;जगाता है उम्मीद,कर्ज चुकता करने की।पर रह नहीं पाताअपने जन्मदाता के घर। खेत खलिहान से करता हैमंडे तक की सवारी।और अपने ही भीड़ मेंखो जाती है अनाथ होकर। डरता है ,बारदाने की घुटन से।जाने कब … Read more