कृषक मेरा भगवान / मनीभाई नवरत्न
कृषक मेरा भगवान / मनीभाई नवरत्न मैंने अब तकजब से भगवान के बारे में सुना ।न उसे देखा,न जाना ,लेकिन क्यों मुझे लगता हैकि कहीं वो किसान तो नहीं।। उस ईश्वर के पसीने सेबीज बने पौधे,पोषित हुये लाखों जीव।फसल पकने तकचींटी,चूहे,पतंगों कावही एकमात्र शिव।।किसान तो दाता हैइसीलिए वो विधाता है।पर वो आज अभागा है।कुछ नीतियों … Read more