भ्रमर दोहे – बाबूराम सिंह

भ्रमर दोहे आगे-आगे जा करे,जो सुधैर्य से काम।बाढे़ चारो ओर से , ढे़रों नेकी नाम।। प्यासेको पानी पिला,भूखेको दोभीख।वेदों शास्त्रोंका यहीं,लाखों में है सीख।। जाने माने लोग भी ,हो जाते हैं फेल।पूर्ण यहाँ कोई नहीं,माया का है खेल।। गाये धाये…

प्रेम के गीत – बाबूलाल शर्मा विज्ञ

प्रेम के गीत – बाबूलाल शर्मा लिखे प्रेम के गीत सुहाने।रीति सनातन मीत निभाने।।‘विज्ञ’ बने मन मीत हमारे।प्रीति निभे सद्भभाव विचारे।।१ कर मात्रा का ज्ञान रचें कवि।‘विज्ञ’ सृजन करते देखे रवि।।हो स्थायी लय तान सुहानी।सम तुकांत लेते कवि ज्ञानी।। २…

परोपकार की देवी मदर टेरेसा पर कविता

मदर टेरेसा पर कविता : मदर टेरेसा (26 अगस्त 1910 – ५ सितम्बर 1997) जिन्हें रोमन कैथोलिक चर्च द्वारा कलकत्ता की संत टेरेसा के नाम से नवाज़ा गया है, का जन्म आन्येज़े गोंजा बोयाजियू के नाम से एक अल्बेनीयाई परिवार…

लालसा पर कविता

लालसा पर कविता लालसा न चाह का है ,जीवन में कुछ पाने कोलालसा न बड़ा बनू, न बहुत कुछ कर जाने कोछीन कर खुशियां किसी की, रोटियां दो वक्त कीमैं चलूं तारों को लाने,छोड़ इन्हें मर जाने को धिक्कार है…

ऐसो के भादों अंधियारी म पोला मनाबो

ऐसो के भादों अंधियारी म पोला मनाबो गीतकार: मनीभाई नवरत्न बैंइला के सींग म, बैईला के खूर म तेल लगाबो । फेर वोला नवा झालर ओढ़ाबो ।ऐसो के भादों अंधियारी म पोला मनाबो। भोला के बैइला के बंदन करले ।जाता…

दूजराम साहू के छत्तीसगढ़ी कविता

दूजराम साहू के छत्तीसगढ़ी कविता मोर गांव मे नवा बिहान झिटका कुरिया अब नंदावत हे,सब पक्की मकान बनावत हे ,खोर गली  सी सी अभियान आगे ,अब मोर गांव मे  नवा बिहान आगे।खाए बर अन ,तन बर कपड़ा ,खाए  पीये के…

गगन उपाध्याय नैना की रचनाएँ

गगन उपाध्याय नैना की रचनाएँ : यहाँ माँ पर हिंदी कविता लिखी गयी है .माँ वह है जो हमें जन्म देने के साथ ही हमारा लालन-पालन भी करती हैं। माँ के इस रिश्तें को दुनियां में सबसे ज्यादा सम्मान दिया…

चोका कैसे लिखें (How to write Choka )

चोका कैसे लिखें शिल्प की दृष्टि से चोका की पंक्तियों में क्रमशः 5 और 7 वर्णों की आवृत्ति होती है तथा अंतिम पाँच पंक्तियों में 5,7,5,7,7 वर्णक्रम अर्थात एक ताँका के क्रम से कविता पूर्ण होती है । कविता की…

हाइकु कैसे लिखें (How to write haiku)

हाइकु कैसे लिखें “हाइकु” एक ऐसी सम्पूर्ण लघु कविता है जो पाठक के मर्म या मस्तिष्क को तीक्ष्णता से स्पर्श करते हुए झकझोरने की सामर्थ्य रखता है । हिन्दी काव्य क्षेत्र में यह विधा अब कोई अपरिचित विधा नहीं है…

आज के समय की पुकार पर कविता

आज के समय की पुकार पर कविता आओ हम सब एक बनें छोड़ बुराई नेक बनें।जन-जनअपनाकरे सुधार आज समय की यही पुकार।दहेज दानव का नाम मिटायें जलती बहु बेटी बचायेंगे।जागरूक हो जतन करें निज डोली नहीं लुटेरे कहार। सब कोई…

यौवन पर हिन्दी कविता ( युवा दिवस विशेष )

स्वामी विवेकानंद

यौवन पर हिन्दी कविता यौवन तो ढलता सदा , मान यही है सार ।लौट नहीं आता कभी , बीते पल जो चार ।।बीते पल जो चार , कर्म सत करिए प्यारे ।वृद्धावस्था रोग , सताए हिम्मत हारे ।।नियति कहे कर…