किसान पर कविता

किसान खेत जोतते हुए

किसान पर कविता खेती किसानी पर कविता नांगर बइला पागा खुमरी संगहावय हमरो मितानीहोवत बिहनिया सूरूज जोत संगकरथंन खेती किसानी धरती दाई के सेवा बजाथंवचरण मा मांथ नवावंवरुख राई मोर डोंगरी पहाड़ीबनके मँय इतरावंवकलकल छलकत गंगा जइसनधार हे अरपा के…

मालविका अरुण की कवितायेँ

मालविका अरुण की कवितायेँ गुरु की महिमा गुरु प्राचीन हैं पर विकास हैंगुरु चेतना हैं, प्रकाश हैंएक महान पद्धति का प्रमाणगुरु, भारतीय संस्कृति का मान हैं। गुरु श्रम हैं, प्रोत्साहन हैंगुरु तप हैं, गुरु त्याग हैंगुरु निष्ठा हैं, विश्वास हैंगुरु…

शिव – मनहरण घनाक्षरी

शिव – मनहरण घनाक्षरी उमा कंत शिव भोले, डमरू की तान डोले, भंग संग  भस्म धारी, नाग कंठ हार है। शीश जटा चंद्रछवि, लेख रचे ब्रह्म कवि, गंग का विहार शीश, पुण्य प्राण धार है। नील कंठ  महादेव, शिव शिवा…

भादों के अंजोरी म आगे तीजा तिथि – मनीभाई नवरत्न

भादों के अंजोरी म आगे तीजा तिथि सूत बिहनिया उठके , मय करव अस्नान ।पार्वती ओ मैंइया तोरे हावे मोला धियान ।जइसन पाये तय अपन भोला भगवान।वइसन पावव हरजनम, मय अपन गोसान। लाली चौकी फबेहे, सुग्घर भुइयां भित्ति।भादों के अंजोरी…

मुहम्मद आसिफ अली के नज़्म

मुहम्मद आसिफ अली के नज़्म अगर है प्यार मुझसे तो बताना भी ज़रूरी है अगर है प्यार मुझसे तो बताना भी ज़रूरी हैदिया है हुस्न मौला ने दिखाना भी ज़रूरी है इशारा तो करो मुझको कभी अपनी निगाहों सेअगर है…

आगे हरेली तिहार – रविन्द्र दुबे बाबू

आगे हरेली तिहार झूम झूम के सावन आगे, बादर करिया अमावस ममजा उडाबो,माटी मतियाबो, हरेली पहली तिहारी हे ।। बिहन ले गाँव के टुरा जुड़ गे , नरियर फेकेन जम के, गेड़ी खपायेन टेंग टेंग रेंगेन, झूमत संग संगवारी हे…

रोटी पर कविता- विनोद सिल्ला

रोटी पर कविता- विनोद सिल्ला रोटी तू भी गजब है, कर दे काला चाम।देश छोड़ के हैं गए, छूटे आँगन धाम।। रोटी तूने कर दिए, घर से बेघर लोग।रोटी ही ईलाज है, रोटी ही है रोग।। रोटी तेरे ही लिए,…

कारगिल के शहीदों को नमन करते हुए कविता

कारगिल के शहीदों को नमन करते हुए कविता वतन के हिफाजत के लिए त्याग दिये अपने प्राण। तुमनें आह तक नहीं किये त्यागते समय अपने प्राण।। सीने में गोली खा के हो गये देश के लिए शहीद। मुख में था…

नये तराने – माधुरी मुस्कान ग़ज़ल

नये तराने – माधुरी मुस्कान ग़ज़ल करीब आओ न दूर जाओ मुझे गले से सनम लगा लो।न जी सकेंगे न मर सकेंगे जहाँ भी हो तुम हमे बुला लो ।। अभी अभी तो बहार देखी नये तराने मचल रहे हैंअभी…

अहिंसा दिवस पर कविता

mahatma gandhi

अहिंसा दिवस पर कविता: अंतर्राष्ट्रीय अंहिसा दिवस महात्मा गांधी के जन्मदिन पर 2 अक्टूबर को मनाया जाता है। इसे भारत में गांधी जयंती के रूप में मनाया जाता है। अहिंसा दिवस पर कविता साबरमती के संत तुझे लाख बार प्रणाम है साबरमती के संत तुझे, लाख…

विश्वास के पुल – सन्त राम सलाम

विश्वास के पुल उफनती नदी में उमड़ता सैलाब, पुलिया के नीचे पानी गहरा है।बीच मझधार में फँसा है जीवन, विश्वास के पुलिया पर ठहरा है।। जीवन मृत्यु दो छोर जीवन के, जहाँ पर पाँच तत्वों का पहरा है।सजग हवा सोते…

खुद से वादा – सुशी सक्सेना

खुद से वादा साहिब, खुद से भी एक वादा करना है।मंजिल तक पहुंचने का इरादा करना है।नित नए संघर्ष होंगे, जीवन के पथ पर,मगर सवार हो कर, उत्साह के रथ पर।कांटों भरा हो या फूलों भरा, जारी ये सफ़र रखना,कदम…