द्रोपदी चीर प्रसंग पर दोहे/ पुष्पा शर्मा”कुसुम”
द्रोपदी चीर प्रसंग पर दोहे पासे फेंके कपट केशकुनि रहा हर्षायदाव द्रोपदी लग गईरहे पाण्डव शर्माय सभा मध्य में द्रोपदीकरती करुण पुकारचीर दुशासन खींचतानहीं बचावन हार भीष्म बली कुरुराज ने साध लिया है मौनपांचों पति बोले नहींबचा सके अब कौन गोविंद तुम करुणा करोअबला करी गुहारतुम बिन अब कोई नहींलाज बचावन हार नाम लेत ही … Read more