युवा वर्ग आगे बढ़ें

स्वामी विवेकानंद

युवा वर्ग आगे बढ़ें छन्द – मनहरण घनाक्षरी युवा वर्ग आगे बढ़ें,उन्नति की सीढ़ी चढ़ें,नूतन समाज गढ़ें,एकता बनाइये। नूतन विचार लिए,कर्तव्यों का भार लिए,श्रम अंगीकार किए,कदम बढ़ाइए। आँधियाँ हैं सीमा पार,काँधे पे है देश भार,राष्ट्र का करें उद्धार,वक्त पहचानिए। बहकावे में न आयें,शिक्षा श्रम अपनायें,राष्ट्र संपत्ति बचायें,आग न लगाइए। ✍सुश्री गीता उपाध्याय रायगढ़ (छत्तीसगढ़)

युवा वर्ग आगे बढ़ें

स्वामी विवेकानंद

युवा वर्ग आगे बढ़ें छन्द – मनहरण घनाक्षरी  युवा वर्ग आगे बढ़ें, उन्नति की सीढ़ी चढ़ें,       नूतन समाज  गढ़ें,               एकता बनाइये।  नूतन विचार लिए,   कर्तव्यों का भार लिए,         श्रम अंगीकार किए,                    कदम बढ़ाइए। आँधियाँ हैं सीमा … Read more

हरितालिका तीज – राजेश पान्डेय वत्स

हरितालिका तीज!(घनाक्षरी) भाद्रपद शुक्ल पक्ष, पावन तृतीया तिथि,पूजन निर्जला ब्रत,रखें नारी देश के! माता रूप मोहनी सी, श्रृँगारित सोहनी सी,उम्र यश लंबी माँगे,अपने प्राणेश के! दृढ़वती धर्मधारी, सुहागिन या कुँवारी,वर लेती यदि मानें, ग्रंथों के आदेश के! मुदित मधुर मन, शिव गौरी आराधना,श्रद्धा लिये वत्स कल, पूजा फिर गणेश के! –राजेश पान्डेय वत्स!0821(हरितालिका तीज २०७७)

शिव-शक्ति पर कविता

प्रस्तुत कविता शिव शक्ति पर आधारित है। वह त्रिदेवों में एक देव हैं। इन्हें देवों के देव महादेव, भोलेनाथ, शंकर, महेश, रुद्र, नीलकंठ, गंगाधार आदि नामों से भी जाना जाता है।

चैत्र नवरात्र पर घनाक्षरी

नवदुर्गा सनातन धर्म में माता दुर्गा अथवा माता पार्वती के नौ रूपों को एक साथ कहा जाता है। इन नवों दुर्गा को पापों की विनाशिनी कहा जाता है, हर देवी के अलग अलग वाहन हैं, अस्त्र शस्त्र हैं परन्तु यह सब एक हैं। माता के नव् रूपों पर कविता बहार की कुछ रचनाये – चैत्र … Read more