
तन्नक सुपारी हमें दैयो
तन्नक सुपारी हमें दैयो तन्नक सुपारी हमें दैयो ओ मोरे लाल ,बढई भैया मित्र हमारे-(२)खेरे का डंडा मंगाय दैयो ओ मोरे लाल -(२)तन्नक सुपारी हमें दैयो ओ मोरे लाल.. लोहार भैया मित्र हमारे-(२)खेरे का डंडा में लोहे का कुंडा लगाय…
लोकगीत लोक के गीत हैं। जिन्हें कोई एक व्यक्ति नहीं बल्कि पूरा लोक समाज अपनाता है। सामान्यतः लोक में प्रचलित, लोक द्वारा रचित एवं लोक के लिए लिखे गए गीतों को लोकगीत कहा जा सकता है। लोकगीतों का रचनाकार अपने व्यक्तित्व को लोक समर्पित कर देता है। शास्त्रीय नियमों की विशेष परवाह न करके सामान्य लोकव्यवहार के उपयोग में लाने के लिए मानव अपने आनन्द की तरंग में जो छन्दोबद्ध वाणी सहज उद्भूत करता हॅ, वही लोकगीत है।
तन्नक सुपारी हमें दैयो तन्नक सुपारी हमें दैयो ओ मोरे लाल ,बढई भैया मित्र हमारे-(२)खेरे का डंडा मंगाय दैयो ओ मोरे लाल -(२)तन्नक सुपारी हमें दैयो ओ मोरे लाल.. लोहार भैया मित्र हमारे-(२)खेरे का डंडा में लोहे का कुंडा लगाय…
खुदीराम बोस भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के एक महान क्रांतिकारी थे, जिन्होंने देश के लिए अपने प्राण न्यौछावर कर दिए। उनके साहस, बलिदान और देशप्रेम को समर्पित एक गीत प्रस्तुत है: खुदीराम के नाम का गान (Verse 1)वो नन्हा वीर था,…
मोर गांव मोर मितान जिसके रचनाकार अनिल जांगड़े जी हैं । कविता ने ग्रामीण परिवेश का बहुत सुंदर वर्णन किया है। आइए आनंद लें । मोर गांव मोर मितान मोर गाॅंव के तरिया नदिया,नरवा मोर मितानरूख राई म बसे हवय…
लोक गीत -उपमेंद्र सक्सेना जाकी लाठी भैंस बाइकी, बाकौ कौन नाय अबु जनि हैकमजोरन की लुगाइनन कौ,दइयर तौ भौजाई मनि है। ब्याहु पड़ौसी को होबन कौ, बाके घरि आए गौंतरियापपुआ ने तौ उनमैं देखी, गौंतर खाउत एक बहुरियाबाके पीछे बौ…
होबै ब्याहु करौ तइयारी चलिऔ संग हमारे तुमुअउ, गौंतर खूब मिलैगी भारीराम कली के बड़े लला को, होबै ब्याहु करौ तइयारी। माँगन भात गई मइके बा, लेकिन नाय भतीजी मानीबोली मौको बहू बनाबौ, नाय करौ कछु आनाकानीजइसे -तइसे पिंड छुड़ाओ,…
तरी हरी नाना मोर नरी हरी नाना तरी हरी नाना मोर नरी हरी नाना रे सुवाना। पिया ला सुना देबे मोर गाना तरी हरी नाना। बेर उथे फेर , बेरा जुड़ाथे, रातके मोरे नीदियां उड़ाथे, अतक मया, मय काबर करें…
छत्तीसगढ़ मैया पर कविता जय हो जय हो छत्तीसगढ़ मैया,सुन लोग हो जाते स्तंभित,राष्ट्रगान सा स्वर है गुजँता,छत्तीसगढ़ का यह राज गीत,नरेंद्र देव वर्मा की अमर रचना,है उसकी आत्मा की संगीत,छत्तीसगढ़िया को बांधे रखता ,यह पावन सुंदर सा गीत ,धरती…
सुघ्घर हाबय हमर छत्तीसगढ़ महतारी-पुनीत राम सूर्यवंशी जी (chhattisgarh mahtari)
मोर मया के माटी छत्तीसगढ़ के माटीअऊ ओकर धुर्रा। तीन करोड़ मनखेसब्बौ ओकर टुरी टुरा।। धान के बटकी कहाय,छत्तीसगढ़ महतारी। अड़बड़ भाग हमर संगीजन्में येकरेच दुआरी।। एकर तरपांव धोवय बरआइन पैरी अरपा। महानदी गंगा जईसनखेत म भरथे करपा।। मया के…
छत्तीसगढ़ राज्य स्थापना दिवस पर कविता चलो नवा सुरुज परघाना हे छत्तीसगढ़ राज्य पायेहनचलो नवा सुरुज परघाना हे !भारत माता के टिकली सहिक….छत्तीसगढ़ ल चमकाना हे !! जेन सपना ले के राज बने हेसाकार हमला करना हे!दिन -दुगनी ,रात -चौगुनीआगे…