आदमी और कविता – हरदीप सबरवाल

आदमी और कविता – हरदीप सबरवाल द्वारा रचित आज के कविताओं के विषय पर यथार्थ और करारा व्यंग्य किया गया है।

स्कूल चलें हम – अकिल खान

स्कूल चलें हम – अकिल खान है नन्हें पैर मेरे,हौसला अफजाई बढ़ाने को,जाता हूँ स्कूल पढ़ने,इस मन को पढ़ाने को।हूं अडिग,एक नया अध्याय लिखने को,जाता हूं स्कूल शिक्षा-ज्ञान सीखने को।शिक्षा से दूर करूं,मैं अशिक्षा का भ्रम,गढ़ने एक नया अध्याय,स्कूल चलें हम। शिक्षक का डांट,मुझे एक नई राह दिखाता है,पुस्तक,कॉपी,कलम,मुझे सीखना सिखाता है।कभी अज्ञानता से पग … Read more

कविता की पौष्टिकता –

विश्व कविता दिवस प्रतिवर्ष २१ मार्च को मनाया जाता है। यूनेस्को ने इस दिन को विश्व कविता दिवस के रूप में मनाने की घोषणा वर्ष 1999 में की थी जिसका उद्देश्य को कवियों और कविता की सृजनात्मक महिमा को सम्मान देने के लिए था। कविता की पौष्टिकता – 19.04.21 ——————————————————–खाना बनाना बड़ा कठिन काम होता … Read more

कविताओं के ज़रिए – नरेन्द्र कुमार कुलमित्र

कविता की सार्थकता बयान करती कविता

कविता गुण की खान – मनोरमा चन्द्रा

विश्व कविता दिवस प्रतिवर्ष २१ मार्च को मनाया जाता है। यूनेस्को ने इस दिन को विश्व कविता दिवस के रूप में मनाने की घोषणा वर्ष 1999 में की थी जिसका उद्देश्य को कवियों और कविता की सृजनात्मक महिमा को सम्मान देने के लिए था। कविता गुण की खान है कविता गुण की खान है ,दिव्य … Read more