मनीभाई की भावनाएं
मनीभाई की भावनाएं ●●●●●●●●●●●●हर जगह चुनौतियाँ हैं, क्यूँ ना चुनौतियों से वास्ता करें।ये तो गलत है कि खानाबदोश की तरह हम रास्ता करें।विरोध करें ,कभी विरोध सहें; ये सांसारिक नियति है ।मतभेद होने से रूठके चले जाना ,नहीं कवि प्रकृति है। मनीभाई