शृंगार छंद विधान

mera bharat mahan

शृंगार छंद विधान श्रेष्ठ हो मेरा हिन्दुस्तान आरती चाह रही है मात।भारती अंक मोद विज्ञात।सैनिको करो प्रतिज्ञा आज।शस्त्र लो संग युद्ध के साज। विश्व मानवता हित में कर्म।सत्य है यही हमारा धर्म।आज आतंक मिटाना मीत।विश्व की सबसे भारी जीत। पाक को पाठ पढाओ वीर।धारणा में बस रखना धीर।भावना देश हितैषी पाल।कूदना बन दुश्मन का काल। … Read more

साजन पर कविता

साजन पर कविता मंद हवा तरु पात हिले,नचि लागत फागुन में सजनी।लाल महावर हाथ हिना,पद पायल साजत है बजनी।आय समीर बजे पतरा,झट पाँव बढ़े सजनी धरनी।बात कहूँ सजनी सपने,नित आवत साजन हैं रजनी। फूल खिले भँवरा भ्रमरे,तब आय बसे सजना चित में।तीतर मोर पपीह सबै,जब बोलत बोल पिया हित में।फागुन आवन की कहते,पिव बाट निहार … Read more

होली चालीसा – बाबू लाल शर्मा

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होली चालीसा :-चालीसा हिंदू धर्म में विभिन्न देवी-देवताओं की पूजा के लिए गायी जाने वाली प्रार्थना होती है। ये प्रार्थनाएँ विशेष रूप से उन देवी-देवताओं को समर्पित की जाती हैं जिन्हें मान्यता है कि उनकी शक्ति और कृपा से भक्तों की समस्त मांग पूरी होती है। चालीसा के पाठ के माध्यम से भक्त अपने मनोकामनाओं … Read more

चित्र मित्र इत्र विचित्र पर कविता

चित्र मित्र इत्र विचित्र पर कविता चित्र रचित कपि देखकर,डरती सिय सुकुमारि।अगम पंथ वनवास में, रहती जनक दुलारि।। मित्र मिले यदि कर्ण सा, सखा कृष्ण सा साथ।विजित सकल संसार भव, बने त्रलोकी नाथ।। गन्धी चतुर सुजान नर, बेच रहे नित इत्र।सूँघ परख कर ले रहे, ग्राहक बड़े विचित्र।। मित्र इत्र सम मानिये, यश सुगंध प्रतिमान।भव … Read more

शिखण्डी पर कविता

शिखण्डी पर कविता पार्थ जैसा हो कठिन,व्रत अखण्डी चाहिए।*आज जीने के लिए,**इक शिखण्डी चाहिए।।* देश अपना हो विजित,धारणा ऐसी रखें।शत्रु नानी याद कर,स्वाद फिर ऐसा चखे। सैन्य हो अक्षुण्य बस,व्यूह् त्रिखण्डी चाहिए।।आज जीने के……. घर के भेदी को अब,निश्चित सबक सिखाना।आतंकी अपराधी,को आँखे दिखलाना। सुता बने लक्ष्मी सम,भाव चण्डी चाहिए।।आज जीने के…….। सैन्य सीमा मीत … Read more