नशा नर्क का द्वार है – बाबूराम सिंह
हिंदी कविता – नशा नर्क का द्वार है मानव आहार के विरूध्द मांसाहार सुरा,बिडी़ ,सिगरेट, सुर्ती नशा सब बेकार है।नहीं प्राणवान है महान मानव योनि में वो,जिसको लोभ ,काम,कृपणता से प्यार है। अवगुण का खान इन्सान बने नाहक में,बिडी़, सुर्ती,सुरा नशा जिसका आहार है।सर्व प्रगति का गति अवरोध करे,ऐसा जहर बिडी़ , सुर्ति मांसाहार है। … Read more