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कोरोना पर कविता – उपमेंद्र सक्सेना

कोरोना पर कविता कोरोना फिरि फैलि रहो है, बाने देखौ केते मारेकाम नाय कछु होय फिरउ तौ, निकरंगे घरि से बहिरारे। मुँह पै कपड़ा नाय लगाबैं, केते होंय रोड पै ठाड़ेबखरिन मै मन नाय लगत है, घरि से निकरे काम…

ऐसा साल ना देना दुबारा

ऐसा साल ना देना दुबारा गुजरा हुआ ये सालकर गया सबको बेहाल। ना कोई जश्न ना कोई त्योहारबस घर की वो चार दीवार। कभी लिविंग रूम तो कभी बेडरूमयही थी दुनिया और यही थे सब। कभी हाफ पैंट, तो कभी…

कोरोना के कहर से कोई न अछूता है

कोरोना के कहर से कोई न अछूता है कोरोना के कहर से कोई न अछूता है ,किसी का ऑक्सीजन बिना दम घूंटा ,तो कोइ घूंट घूंट कर जीता है । इस बीमारी ने न जाति देखा न धर्म न समुदाय…

फिर से लौट आएगी खूबसूरत दुनियां

फिर से लौट आएगी खूबसूरत दुनियां पिछले कुछ दिनों सेमैंने नहीं देखा है रोशनी वाला सूरजताज़गी वाली हवाखुला आसमानखिले हुए फूलहँसते-खिलखिलाते लोग एक-एक दिनदेह में होने का ख़ैर मनाती आ रही हैदेह के किसी कोने मेंडरी-सहमी एक आत्मा किसी भी…

कोरोना से बचना है -शिवांशी यादव

कोरोना से बचना है -शिवांशी यादव कोरोना से बचना है, हमें सुरक्षित ही रहना है|सबसे दूरी बनाए रखना है, अभी घर से नहीं निकलना है| अपने लिए नहीं तो,अपनों के लिए सोचिए।जब भी घर से निकलिएमास्क लगा के ही रहिए।…

कोरोना महामारी का कहर -अमिता गुप्ता

कोरोना महामारी का कहर -अमिता गुप्ता कोरोना महामारी ने कैसा ये कहर बरसाया है,चहुंओर अंधेरा ही छाया है! कितने कुलदीपक बुझ ही गए,कितने परिवार यूं उजड़ गए,गर नहीं सचेते अब भी तो, उठ सकता सिर से साया है,चहुं ओर अंधेरा…