हरिश्चन्द्र त्रिपाठी ‘हरीश ‘ की कवितायेँ

प्रस्तुत कविता 14 सितंबर हिंदी दिवस पर लिखी गई है जिसमें हिंदी की महत्व का वर्णन किया गया है।

कोरोना पर कविता – उपमेंद्र सक्सेना

कोरोना पर कविता कोरोना फिरि फैलि रहो है, बाने देखौ केते मारेकाम नाय कछु होय फिरउ तौ, निकरंगे घरि से बहिरारे। मुँह पै कपड़ा नाय लगाबैं, केते होंय रोड पै ठाड़ेबखरिन मै मन नाय लगत है, घरि से निकरे काम बिगाड़े जाय किसउ की फसल उखाड़ैं, खेतन कौ बे खूब उजाड़ैंकोऊ उनसे नाय कछु कहै, … Read more

कोरोनावायरस पर कविता ( Corona kavita )

रचना शीर्षक – कोरोना v.s ज़िंदगी

कैसी ये महामारी – संस्कार अग्रवाल

कोरोना महामारी पर आधारित रचना – कैसी ये महामारी