गणेश वंदना / डॉ विजय कुमार कन्नौजे

गणेश वंदना

गणेश वंदना / डॉ विजय कुमार कन्नौजे मै हव अड़हा निच्चट नदानदया करबे ग गणेश भगवानगौरी गौरा आथे सुरतातुंहर संग नंदी मेहरबान। मुसुवा सवारी लड्डू खवइयामुल बाधा तै दुख दुर करइयातोर घर परिवार आथे सुरतादया करबे ज्ञान देवइया।। कवि विजय के बिनती मानबेरिद्धि सिद्धि तै संग मा लानबेमोर अंगना बढा़दे शोभाकारज घलो मोर सुधारदे।। जय … Read more

हे गणनायक – विनोद कुमार चौहान

हे गणनायक (सार छंद) हे गणनायक हे लम्बोदर, गजमुख गौरी नंदन।लोपोन्मुख थाली से होते, अक्षत-रोली-चंदन।। हे शशिवर्णम शुभगुणकानन, छाई है लाचारी।बढ़ती मँहगाई से अब तो, हारी जनता सारी।। हे यज्ञकाय हे योगाधिप, भोग लगाऊँ कैसे।मोदक की कीमत तो बप्पा, बढ़े कनक के जैसे।। हे उमापुत्र हे प्रथमेश्वर, मँहगे हैं अब ईंधन।मूषक वाहन ही अच्छा है, … Read more

गौरी पुत्र गणेश – सुकमोती चौहान

गौरी पुत्र गणेश आओ हे गौरी पुत्र गणेश!हरने हम सब के क्लेश। अग्र पूजन के अधिकारी,ज्ञान विद्या के भंडारी,मंगल मूर्ति अतुल बलधारी,पधारो हे गजानन!भरने जीवन में आनंद।आओ हे गौरी पुत्र गणेश!हरने हम सबके क्लेश | शिव शक्ति के तुम दुलारे,देवगणों के हो नायक।कर्म को पूजा माने आप,अष्ट सिद्धि के दायक ।विराजो हे कृपा निधान!देने बुद्धि … Read more

मंगल मूर्ति गजानना गणेश पर दोहे

doha sangrah

गणपति को विघ्ननाशक, बुद्धिदाता माना जाता है। कोई भी कार्य ठीक ढंग से सम्पन्न करने के लिए उसके प्रारम्भ में गणपति का पूजन किया जाता है। भाद्रपद महीने के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी का दिन “गणेश चतुर्थी” के नाम से जाना जाता हैं। इसे “विनायक चतुर्थी” भी कहते हैं । महाराष्ट्र में यह उत्सव सर्वाधिक … Read more

गणेश- मनहरण घनाक्षरी

गणेश- मनहरण घनाक्षरी ब्रह्म सृष्टिकार दैव,भूमि रचि हेतु जैव,मातृभूमि भार पूर्ण,धारे नाग शेष है। शीश काटे पुत्र का वे,क्रोध मिटे हुआ ज्ञान,हस्ति शीश रोपे शिव,दैवीय निवेश हैं। पार्वती सनेह जान,दिए शम्भु वरदान,पूज्य गेह गेह नेह,देवता गणेश हैं। विष्णु शम्भु देव अज,भूप लोक दम्भ तज,पूजते गणेश को ही,स्वर्ग के सुरेश हैं।. —-+—बाबू लाल शर्मा, बौहरा, विज्ञसिकन्दरा, … Read more