मनीभाई के हाइकु अर्द्धशतक भाग १

हाइकु

हाइकु अर्द्धशतक १/बसंत नाचेगाये गीत फाग केप्रेम राग के। २/बासंती चिट्ठीसंवदिया बन केआया बयार। ३/  बासंती  हवा   रंग  बिखर गया। निखर गया। ४/फलक तले खिले सरसों फुलबसंत पले। ५/पी का दीदारनशा ज्यों हो शराबदिल गुलाब । ६/ नदिया तीरखड़ा है जो गंभीरशिव मंदिर। ७/ मस्जिद परअल्लाहु अकबररब का घर । ८/ हर जगहवाहेगुरू फतहजै … Read more

तांका विधा के बारे में जानकारी

हाइकु

तांका विधा के बारे में जानकारी तांका जापानी काव्य की कई सौ साल पुरानी काव्य विधा है। इस विधा को नौवीं शताब्दी से बारहवीं शताब्दी के दौरान काफी प्रसिद्धि मिली। उस समय इसके विषय धार्मिक या दरबारी हुआ करते थे। हाइकु का उद्भव इसी से हुआ। तांका की वर्ण योजना इसकी संरचना ५+७+५+७+७=३१ वर्णों की … Read more

मनीभाई के हाइकु अर्द्धशतक भाग 10

हाइकु

मनीभाई के हाइकु अर्द्धशतक भाग 10 1मानवाधिकारजब जग ने जानाराष्ट्र संयुक्त। 2वैश्विक तापसंकट में है राष्ट्रसुधरो आप। 3विश्व की शांतिपृथ्वी की सुरक्षाआतंक मिटा। 4अस्त्र की होड़विकास या विनाशअंधे की दौड़। 5भारत आयारंग भेद खिलाफसंसार जागा। 6चुनौती देतापर्यावरण रक्षाहे राष्ट्र!जुड़ो। 7 “मैं” और “तुम”खींच गई लकीरचलो “हम” हों।8 अस्त्र होती हैहिंसा की प्रतिमूर्तिलेती हैं शांति। 9 … Read more

हाइकु तृतीय शतक

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हाइकु शतक १बुलकड़ियाँरिक्त गौशाला द्वारसूखा गोबर।२चैत्र प्रभातविधवा का शृंगारदूर्वा टोकरी।३फाग पूर्णिमाडंडे पर जौ बालीबालक दौड़ा।४होली दहनचूल्हे पे हंसती माँगेहूँ बालियाँ।५मदिरालयकुतिया को पकोड़ेनाली में वृद्ध।६औषधालयचारपाई पे वृद्धनीम निम्बोली।७कैर साँगरीबाजरी की रोटियाँहाथ खरोंच।८चंग का स्वरमातृ गोद बालिकाआँख में आंसू।९निम्बू का रसरंगे हाथ बालिकामेंहदी तीली।१०भंग की गोलीसिल बट्टे पे पिस्ताबादाम गिरी।११अजवायनअरबी की पत्तियाँबेसन लेप।१२प्याज की क्यारीकिसान की बेटियाँछाछ … Read more

निर्मल नीर के हाइकु

हाइकु

निर्मल नीर के हाइकु नूतन वर्ष~चारों तरफ़ छायाहर्ष ही हर्ष काम न दूजा~सबसे पहले होगायों की पूजा है अन्नकूट~कोई न रहे भूखाजाये न छूट भाई की दूज~पवित्र है ये रिश्ताइसको पूज दिवाली आई~घर-घर में देखोखुशियाँ छाई निर्मल ‘नीर’