मेरी जीवन यात्रा
मेरी जीवन यात्रा मेरी ये यात्रामुट्ठी बंद शून्य सेअशून्य की ओर।जैसे ही नैन खुले,चाहिए खिलौने।और एक चमकता भोर। पाने की तलाश।जिसकी बुझे ना प्यास।ये कुछ पाना ही बंधन है ।पर जो मिल रहामन कैसे कह देसब धोखा है, उलझन है। ये जो घोंसला तिनकों कामेरी आंखो के सामने।जिसमें आराम है सुरक्षा है।ठंड में गरमऔर गर्म … Read more