मेरी जीवन यात्रा

मेरी जीवन यात्रा मेरी ये यात्रामुट्ठी बंद शून्य सेअशून्य की ओर।जैसे ही नैन खुले,चाहिए खिलौने।और एक चमकता भोर। पाने की तलाश।जिसकी बुझे ना प्यास।ये कुछ पाना ही बंधन है ।पर जो मिल रहामन कैसे कह देसब धोखा है, उलझन है। ये जो घोंसला तिनकों कामेरी आंखो के सामने।जिसमें आराम है सुरक्षा है।ठंड में गरमऔर गर्म … Read more

जिंदगी पर हरिगितिका छंद

Submit : 16 Sep 2022, 10:56 AMEmail : [email protected] ये जिंदगी फोकट गवाँ झन , बिरथा नहीं जान दे ।आँखी अभी मा खोल तयँ हा, आघू डहर ध्यान दे ।तन फूलका पानी सही हे , बनय हाड़ा माँस के ।अनमोल जिंदगी कर लेवव, भरोसा नइ साँस के ।। दूजराम साहू अनन्य🙏🙏🙏

जिंदगी एक पतंग – आशीष कुमार

जिंदगी एक पतंग – आशीष कुमार उड़ती पतंग जैसी थी जिंदगीसबके जलन की शिकार हो गईजैसे ही बना मैं कटी पतंगमुझे लूटने के लिए मार हो गई सबकी इच्छा पूरी की मैंनेमेरी इच्छा बेकार हो गईकहने को तो आसमान की ऊँचाईयाँ मापी मैंनेचलो मेरी ना सही सबकी इच्छा साकार हो गई ऐसा भी ना था … Read more

क्या भला रह जायेगा

इस ग़ज़ल के माध्यम से संसार की भंगुरता और अस्थिरता की बात की जा रही है।अपने कर्तव्ययों का निष्ठापूर्वक निर्वहण करके गीता के आप्त वचनों को अंगीकार करने एवं सवेदनशील रहने की बात की गई है।