Tag: Hindi poem on Dhanteras

कार्तिक कृष्ण द्वादशी धनतेरस :धनतेरस की शाम के समय उत्तर दिशा में कुबेर, धन्वंतरि भगवान और मां लक्ष्मी की पूजा की जाती है। पूजा के समय घी का दीपक जलाएं। कुबेर को सफेद मिठाई और भगवान धन्वंतरि को पीली मिठाई चढ़ाएं। पूजा करते समय कुबेर मंत्र का जाप करना चाहिए।

  • धनतेरस -रामनाथ साहू ” ननकी “

                    * धनतेरस *

    धनतेरस पर कीजिए ,
                       धन लक्ष्मी का मान ।
    पूजित हैं इस दिवस पर ,
                         धन्वंतरि भगवान ।।
    धन्वंतरि भगवान , 
            शल्य के जनक चिकित्सक ।
    महा वैद्य हे देव ,
                   निरोगी काया चिंतक ।।
    कह ननकी कवि तुच्छ ,
                  निरामय तन मन दे रस ।
    आवाहन स्थान ,
                      पधारो घर धनतेरस ।।

          ~ रामनाथ साहू ” ननकी “
                             मुरलीडीह
    कविता बहार से जुड़ने के लिये धन्यवाद

  • धनतेरस त्यौहार पर कविता-संतोष नेमा “संतोष”

    धनतेरस त्यौहार पर कविता

    धन की वर्षा हो सदा,हो मन में उल्लास

    तन स्वथ्य हो आपका,खुशियों का हो वास

    जीवन में लाये सदा,नित नव खुशी अपार
    धनतेरस के पर्व पर,धन की हो बौछार

    सुख समृद्धि शांति मिले,फैले कारोबार
    रोशनी से रहे भरा,धनतेरस त्यौहार

    झालर दीप प्रज्ज्वलित,रोशन हैं घर द्वार
    परिवार में सबके लिए,आये नए उपहार

    माटी के दीपक जला,रखिये श्रम का मान

    @संतोष नेमा “संतोष”

  • धनतेरस के दोहे (Dhanteras Dohe)

    धनतेरस के दोहे (Dhanteras Dohe)

    धनतेरस के दोहे (Dhanteras Dohe)

    धनतेरस का पुण्य दिन, जग में बड़ा अनूप।
    रत्न चतुर्दश थे मिले, वैभव के प्रतिरूप।।

    आज दिवस धनवंतरी, लाए अमृत साथ।
    रोग विपद को टालते, सर पे जिसके हाथ।।

    देव दनुज सागर मथे, बना वासुकी डोर।
    मँदराचल थामे प्रभू, कच्छप बन अति घोर।।

    प्रगटी माता लक्षमी, सागर मन्थन बाद।
    धन दौलत की दायनी, करे भक्त नित याद।।

    शीतल शशि उस में मिला, शंभु धरे वह माथ।
    धन्वन्तरि थे अंत में, अमिय कुम्भ ले हाथ।।

    बासुदेव अग्रवाल ‘नमन’