महदीप जंघेल की कविता

महदीप जंघेल की कविता बचपन जीने दो भविष्य की अंधी दौड़ में,खो रहा है प्यारा बचपन।टेंशन इतनी छोटी- सी उम्र में,औसत उम्र हो गया है पचपन। गर्भ से निकला नहीं कि,जिम्मेदारी के बोझ तले दब जाते,आपको ये बनना है,वो बनना है,परिवार के लोग बताते। तीन साल के उम्र में ही,बस्ता का बोझ उठाते है।कंपीटिशन ऐसा … Read more

विश्व एड्स दिवस पर कविता

विश्व एड्स दिवस पर लेख   एड्स एक लाइलाज बीमारी है, जिसके फैलने का सबसे बड़ा कारण असुरक्षित यौन संबंध  है,  इस बीमारी से असल में बचाव सिर्फ सुरक्षा में निहित है। एचआईवी/ एड्स से ग्रसित लोगों की मदद करने के लिए धन जुटाना, लोगों में एड्स को रोकने के लिए जागरूकता फैलाना और एड्स से जुड़े … Read more

प्रकृति से खिलवाड़ का फल – महदीप जंघेल

hasdev jangal

प्रकृति से खिलवाड़ और अनावश्यक विनाश करने का गंभीर परिणाम हमे भुगतना पड़ेगा। जिसके जिम्मेदार हम स्वयं होंगे।
समय रहते संभल जाएं। प्रकृति बिना मांगे हमे सब कुछ देती है।उनका आदर और सम्मान करें। संरक्षण करें।

जनसंख्या विस्फोट – महदीप जंघेल

विश्व जनसंख्या दिवस पर कविता

जनसंख्या वृद्धि देश और समाज के लिए गंभीर खतरा है। आबादी लगातार बढ़ रहे है। और संसाधन घट रहे है।
सोच को बदलना होगा,बढ़ते जनसंख्या पर काबू करना होगा और संसाधन में वृद्धि करनी होगी।

जीवन का अमृत है संगीत (विश्व संगीत दिवस पर कविता)

संगीत जीवन में सारे गम ,दुख, पीड़ा को मिटाकर मन को शांत करता है ।और खुशियां प्रदान करता है। कई लोगो के लिए संगीत औषधि है।वो खुश रहते है।उनका जीवन फिर से जी उठता है। अतः संगीत का संगत जरूर करें।इसे अपने जीवन का हिस्सा जरूर बनाएं।