भाई पर कुण्डलिया छंद
साहित रा सिँणगार १०० के सौजन्य से 17 जून 2022 शुक्रवार को पटल पर संपादक आ. मदनसिंह शेखावत जी के द्वारा विषय- भाई पर कुण्डलिया में रचना आमंत्रित किया गया. कुंडलियां विधान- एक दोहा + एक रोला छंददोहा -विषम चरण…
यहाँ पर हिन्दी कवि/ कवयित्री आदर०डा० डॉ एन के सेठी के हिंदी कविताओं का संकलन किया गया है . आप कविता बहार शब्दों का श्रृंगार हिंदी कविताओं का संग्रह में लेखक के रूप में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका अदा किये हैं .
साहित रा सिँणगार १०० के सौजन्य से 17 जून 2022 शुक्रवार को पटल पर संपादक आ. मदनसिंह शेखावत जी के द्वारा विषय- भाई पर कुण्डलिया में रचना आमंत्रित किया गया. कुंडलियां विधान- एक दोहा + एक रोला छंददोहा -विषम चरण…
15 जून 2022 को साहित रा सिंणगार साहित्य ग्रुप के संरक्षक बाबूलाल शर्मा ‘विज्ञ’ और संचालक व समीक्षक गोपाल सौम्य सरल द्वारा ” भोजन ” विषय पर दोहा छंद कविता आमंत्रित किया गया जिसमें से भोजन पर बेहतरीन दोहे चयनित…
श्रृंगार छन्द में एक प्रयास सादर समीक्षार्थ कर्म पर हिंदी में कविता कर्म का सभी करेंआह्वान।कृष्ण का ये है गीता ज्ञान।कर्मबिन होतभाग्य से हीन।सृष्टि में होत वही है दीन।। कर्म जो करे सदा निष्काम।पाय वह शांति औरआराम।आत्म मेंही स्थित हो…
लता मंगेशकर पर कविता
गणतंत्र दिवस – डॉ एन के सेठी लोकतंत्र का पर्व मनाएं।सभी खुशी से नाचे गाएं।।दुनिया में है सबसे न्यारा।यहभारत गणतंत्र हमारा।। इसकी जड़ है सबसे गहरी।इसकी रक्षा करते प्रहरी।।सबसे बड़ा विधान हमारा।नमन करे जिसको जग सारा।। लोकतंत्र का महापर्व है।हमको…
बेटी (चौपाईयाँ) – डॉ एन के सेठी बेटी करती घर उजियारा।दूर करे जग काअँधियारा।।बेटी होती सबकी प्यारी।लगती है सबसे ही न्यारी।। सृष्टा की सुंदर सृष्टी है।करती खुशियों की वृष्टी है।।बेटी घर को पावन करती।घर पूरा खुशियों से भरती।। बेटी आन…
इस रचना में धरती माँ के साथ हुए अत्याचार का विवरण मिलता है | साथ ही लोगों को धरती माँ की सेवा हेतु प्रेरित करने का प्रयास किया गया है |
धरती माँ- कविता - मौलिक रचना - अनिल कुमार गुप्ता "अंजुम"
यह दोहा एनके सेठी द्वारा बादल को आधार मान कर लिखी गई हैं
सावन विषय पर आधारित कुंडलिया
में रचित डॉ एन के सेठी की रचना
विषय-मेहनत
विधा-सार छन्द
🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏
व्यर्थ न बैठो काम करो तुम
मेहनत से न भागो।
आलस छोड़ो करो परिश्रम
सभी नींद से जागो।।
कर्म करो परिणाम न देखो
अपना भाग्य बनाओ।
मेहनत से आगे बढ़ो तुम
जीवन सफल बनाओ।।
आए हम सब इस दुनिया में
कर्म सभी करने को।
मेहनत करें सब मिलकर हम
जग नही विचरने को।।
खुश होते भगवान सदा ही
हिम्मत सदा दिखाओ।
करो परिश्रम जीवन में तुम
आगे बढ़ते जाओ।
मिलता मेहनत से सभी को
जीवन उन्नति पाए।
बढ़े सदा हिम्मत से आगे
भाग्य बदलता जाए।।
हर एक संकट मेहनत से
हल हो ही जाता है।
जीवन में पुरुषार्थ सदा ही
मान यहाँ पाता है।।
जीवन का पर्याय मेहनत
इससे सबकुछ होता।
करता जोआलस्य यहाँ पर
वह सब कुछ है खोता।।
🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏
©डॉ एन के सेठी