माँ शारदे पर कविता
माँ शारदे पर कविता (देव घनाक्षरी) नमन मात शारदेअज्ञानता से तार देकरुणा की धार बहामुख में दो ज्ञान कवल।। वीणा पुस्तकधारिणीभारती ब्रह्मचारिणीशब्दों में शक्ति भरदोवाणी में दो शब्द नवल।। हंस की सवारी करेतमस अज्ञान हरेरोशन जहान करेपहने माँं वस्त्र धवल।। अज्ञानी है माता हमकरिए दोषों को शमज्ञान का दान कर दोबढ़ जाएगा बुद्धि बल।। ✍️ … Read more