तांका की महक

तांका की महक बेटी का ब्याहहुआ धूमधाम सेहुई विदाईबहू जला दी गईफिर खबर आई 2लड़का एकमां बाप का सहाराबेरोजगारअशिक्षित नाकाराबना आंखों का तारा3एक लड़कीसुशील सुशिक्षितविनयशीलमायका ससुरालहो एक जैसा हाल4समय परहुआ नहीं जो काममान लीजिएगया कौड़ी के दामवो दशहरी आम5सोच बदलोसमय बदलताजीवन भरधोखा नहीं चलताकाम नहीं टलता पद्म मुख पंडा , वरिष्ठ नागरिक कवि लेखक एवम … Read more

भोर का तारा एक आशावादी कविता

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भोर का तारा पद्ममुख पंडा के द्वारा रचित आशावादी कविता है जिसमें उन्होंने प्रकृति का बेहद सुंदर ढंग से वर्णन किया है। साथ में यह भी बताया है कि किस तरह से रात्रि के बाद दिवस हो रहा है अभिप्राय दुख के बाद सुख का आगमन हो रहा है। भोर का तारा. एक आशावादी कविता … Read more

जीवन भर का संचित धन हिंदी कविता

जीवन भर का संचित धन हिंदी कविता सांध्य परिदर्शन गृह का पृष्ठ भाग उपवन है,तरु, लता, वनस्पति सघन है,मेरी यह दिनचर्या में शामिल,जीवन भर का संचित धन है! प्रातः पांच बजे उठकर जब,इधर उधर नज़रें दौड़ाता,मेरा गांव , वहां का जीवन,सहसा याद मुझे अा जाता! मेरे पिता माता को उर में,सजा रखा है, ज्योति जगा … Read more

मच्छर पर कविता /पद्म मुख पंडा

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मच्छर पर कविता/ पद्म मुख पंडा ये मच्छर भी? न दिन देखते, न रात,ये आवारा मच्छर,करते हैं, आघात मुंह से,जहरीले तरल पदार्थ,मानव शरीर के अंदर,डालकर, चंपत हो जाते हैं!होती है खुजली,होकर परेशान , आदमी लेता है संज्ञान,मॉस्किटो क्वाइल जलाकर,आश्वस्त हो जाता है,मच्छर से बदला लेने का,यह तरीका भी फीका पड़ चुका है,मच्छर धुएं के साथ … Read more

पद्ममुख पंडा महापल्ली के 10 हिंदी कवितायेँ

पुरातन काल में गुरू के प्रति शिष्य की जो प्रगाढ़ भक्ति भावना थी, वह अब कहीं भी देखने को नहीं मिलता है।