भीष्म पितामह जयन्ती पर हिंदी कविता
भीष्म महाराजा शान्तनु के पुत्र थे महाराज शांतनु की पटरानी और नदी गंगा की कोख से उत्पन्न हुए थे | उनका मूल नाम…
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धार्मिक शास्त्रों के अनुसार माघ मास के कृष्ण पक्ष की नवमी को भीष्म पितामह की जयंती मनाई जाती है। भीष्म पितामह महाभारत की कथा के एक ऐसे नायक हैं, जो प्रारंभ से अंत तक इसमें बने रहे। उन्होंने जीवनभर अपनी प्रतिज्ञा का पालन किया और हस्तिनापुर को सुरक्षित हाथों में देखकर ही अपने प्राणों का त्याग किया। उन्हें देवव्रत व गंगापुत्र आदि नामों से भी जाना जाता है।