विश्व दूरदर्शन दिवस पर कविता

विश्व दूरदर्शन दिवस पर कविता समाज का एक वर्गइतराता नहीं ये कहने से,मूल्यों के विघटन मेंदूरदर्शन का हाथ है ।पर पवित्र ना होदृष्टिकोण तोलगता है दिन भीघनघोर रात है ।।…