विश्व प्रदूषित हो रहा /प्रेमचन्द साव “प्रेम”,बसना

JALATI DHARATI

विश्व प्रदूषित हो रहा / प्रेमचन्द साव “प्रेम”,बसना विश्व प्रदूषित हो रहा,फैल रहा है रोग।मानव सारे व्यस्त है,करने निज सुख भोग।। प्राणवायु दूषित हुआ,दूषित हर जल बूँद।मानव को चिंता कहाँ ?,बैठा अँखियन मूँद।। ताल तलैया कूप को,मनुज रहे अब पाट।निज स्वारथ के फेर में,वृक्ष रहे हैं काट।। धूल-धुआँ कूड़ा बढ़ा,बढ़ा मनुज का लोभ।फिर जीवन संघर्ष … Read more

माँ पर दोहे / मातृ दिवस पर दोहे

mother their kids

परम्परानुसार इस दिन प्रतीकात्मक उपहार देने तथा कुछ परम्परागत महिला कार्य जैसे अन्य सदस्यों के लिए खाना बनाने और सफाई करने को प्रशंसा के संकेत के रूप में चिह्नित किया गया था। मातृ दिवस, अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के रूप में कई देशों में 8 मार्च को मनाया जाता हैं। माँ पर दोहे- प्रेमचन्द साव “प्रेम” ममतामयी ममत्व की,है पावन प्रतिरूप।श्रेष्ठ … Read more

प्रेमचन्द साव प्रेम पर कविता

प्रेमचन्द साव प्रेम पर कविता (1)हिमालय है मुकुट जैसा,चरण में हिन्द महासागर।कहीं पर राम जन्मा है,कहीं राधा नटवर नागर।है अपना देश मुनियों का,जहाँ पर धर्म पलता हैं।ये भारत वर्ष हैं अपना,जहाँ है प्रेम का गागर।                (2)जुबां पर प्रेम की बोली,हृदय में धर्म को धारो।कहीं मनभाव में जीना,कहीं मनभाव को मारो।मगर माँ भारती को,जो दिखाए … Read more

धरा पर कविता (दोहा)

धरा पर कविता आज धरा में प्रेम ही, मानवता का सार।। जिनके मन में प्रेम हो, करता नित उपकार।।१।। प्रेम मिले तो दुष्ट भी, बने धरा में संत।। इसकी महिमा क्या कहूंँ, पावन अतुल अनंत।।२।। *अपनी जननी हैं धरा,* प्रेम करे बरसात।। सब कुछ सहकर दें हमें, सुख की सब सौगात।।३।। तरु तरुवर भी प्रेम … Read more

ममतामयी माँ पर कविता

यहाँ माँ पर हिंदी कविता लिखी गयी है .माँ वह है जो हमें जन्म देने के साथ ही हमारा लालन-पालन भी करती हैं। माँ के इस रिश्तें को दुनियां में सबसे ज्यादा सम्मान दिया जाता है। ममतामयी माँ पर कविता माँ तुमनें जन्म दिया,तुम जीवनदायिनी हो।प्यार मिला भी तुमसे,तुम ममतामयी हो।। तुमसे कोई और प्यारा … Read more