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यहाँ पर हिन्दी कवि/ कवयित्री आदर0 राज किशोर धिरही के हिंदी कविताओं का संकलन किया गया है . आप कविता बहार शब्दों का श्रृंगार हिंदी कविताओं का संग्रह में लेखक के रूप में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका अदा किये हैं .

जन अदालत लघु कथा

जन अदालत लघु कथा बचाओ बचाओ बचाओ की आवाज सुन दद्दू झोपडी से बाहर झाँका तो सन्न रह गया।गाँव के पटवारी को वर्दीधारी नक्सली घसीटते हुए ले जा रहे थे।दद्दू को समझते देर न लगी आज फिर हत्या कर दी…

चटनी पर कविता

चटनी पर कविता चटनी लहसुन पीसना,लेना इसका स्वाद।डाल टमाटर मिर्च को,धनिया रखना याद।। अदरक चटनी रोज ले,भागे दूर जुकाम।खाँसी सत्यानाश हो,करते रहना काम।। चटनी खाना आम की,मिलकर के परिवार।उँगली अपनी चाट ले,मुँह में आवे लार।। चंद करेला पीसकर,खाना इसको शूर।गुणकारी…

कोरोना पर दोहे

कोरोना पर दोहे विद्यालय सब बंद है,कोरोना का घात।नर नारी सब मास्क पर,कहते डर की बात।। हाथ विचारे देख के,रहते हैं चुपचाप।नहीं बताते कुछ हमें,कोरोना पर आप।। कोरोना के काट का,खोज करो सब आज।मरे नहीं कोई यहाँ,होवे खूब इलाज।। आवत…

नमक पर व्यंग्य

नमक पर व्यंग्य होटल में खाने के मेज पर छोटे छोटे छिद्रों वाले डिब्बे पड़े ही रहते हैं।कार्टून बने डिब्बे में नमक मिर्च भरे होते हैं, दाल सब्जी में नमक कम हो तो मन मर्जी डाल लो।लेकिन सब्जी में नमक…

बाल कविता – स्लेट बत्ती

बाल कविता – स्लेट बत्ती स्लेट बत्ती का  जानो मोललकीर बना लो या फिर गोल क ख ग घ लिखना हो या गिनतीपढ़ने को सब करते विनती बत्ती को घिस घिस कर देखेंटूटे जब जब उसको फेंके पानी को हाथों…

mother their kids

माँ पर दोहे- राजकिशोर धिरही

यहाँ माँ पर हिंदी कविता लिखी गयी है .माँ वह है जो हमें जन्म देने के साथ ही हमारा लालन-पालन भी करती हैं। माँ के इस रिश्तें को दुनियां में सबसे ज्यादा सम्मान दिया जाता है। माँ पर दोहे असली…

रास नहीं क्यों आता है-राजकिशोर धिरही

रास नहीं क्यों आता है शौचालय का अभियान चला,वंचित घर रह जाता है।बाहर जाते बच्चे उनके,रास नहीं क्यों आता है जाति भेद को करते रहते,जलते रहते बढ़ने सेटाँग अड़ाते फिरते रहते,रोका करते पढ़ने से चाँद पर जा रही है दुनिया,बैरी…

गाय सड़क पर- राजकिशोर धिरही

गाय सड़क पर गाय सड़क पर देख के,हो जाते हम मौन।लक्ष्मी अब माने नहीं,पाले इनको कौन।। दुर्घटना अब रोज ही,करते मानव हाय।बस बाइक कैसे चले,सड़कों पर है गाय।। पालन पोषण बंद है,ले कर दौड़े बेत।गाय बैल अब चर रहें,घूम घूम…

रक्त दान पर दोहे

रक्त दान पर दोहे रक्त दान हम सब करे,तन को चंगा पाय।खुद को होवे लाभ जी,दूसर जान बचाय।। डॉक्टर हर दिन ये कहे,मानव होत महान।पर हितकारी ध्यान में,करे रक्त का दान।। जान बचे है तीन की,दान करे जब एक।भले काम…

कागा की प्यास

कागा की प्यास कागा पानी चाह में,उड़ते लेकर आस।सूखे हो पोखर सभी,कहाँ बुझे तब प्यास।।कहाँ बुझे तब प्यास,देख मटकी पर जावे।कंकड़ लावे चोंच,खूब धर धर टपकावे।।पानी होवे अल्प,कटे जीवन का धागा।उलट कहानी होय,मौत को पावे कागा।। कौआ मरते देख के,मानव…