गंजापन पर कविता

गंजापन पर कविता मेरा मित्र गंजाथा बहुत हिष्ट पुष्ट और चंगातपती धूप में अकेले खड़ा थाउसका दिमाग़ न जानेकिस आइडिया में पड़ा था?मेरा बदन तो धूप में जल रहा थापर गंजा मित्र धूप में खड़ा होकरअपने सर में सरसो तेल मल रहा था?मैंने कहा-मित्र टकलेहो गया है क्या तू पगलेतेज धूप में खड़े होकरसर क्यों … Read more

कवि पर कविता

कवि पर कविता ?मेरा मित्रएक कवि को दूर से आता देखअचानक रुकने लगाबगल वाली गली में जाकरन जाने क्यों छुपने लगामैंने कहा-यारकवि से उधार लिया है पैसाया चुराया है उसका भैंसाअगर नहीं तोकवि से तुझे क्या परेशानी हैवह तो कवि खानदानी हैइस तरह कवि से छुपनाकवि का अपमान हैकवि तो साक्षातटाइमपास का सामान हैतुझे देखकर … Read more

शराब पर कविता

शराब पर कविता कुण्डलिया छंद पीना छोड़ शराब को,इससे है नुकसान।तन मन खूब खराब हो,बीमारी की खान।।बीमारी की खान,रखो अपने सुध बुध को।खुश हो घर परिवार,रोक लेना तुम खुद को।छोड़ शराबी यार,अगर बढ़िया से जीना।नशा पान बेकार,कभी मत इसको पीना।। मधुशाला दर छोड़ दे,इससे तन बर्बाद।पीते आज शराब जो,पछतावा हो बाद।।पछतावा हो बाद,मिले जब घर … Read more

खीर पर कविता

खीर पर कविता मम्मी मम्मी खीर बना दोचम्मच चम्मच खाएँगे एक कटोरी मुझको देनाएक कटोरी मुन्नी कोथोड़ी सी उसको भी देनाखाला की उस चुन्नी को गरम गरम जो निकले पूड़ीपल में चट कर जाएँगेमम्मी मम्मी खीर बना दोचम्मच चम्मच खाएँगे पतला चावल बढ़िया रहताटेस्टी खीर बनाने मेंपिस्ता,चिरौंजी साथ उसमेंमजा उड़ा लो खाने में केसर पत्ती … Read more

विश्व मलेरिया दिवस पर कविता /राजकिशोर धिरही

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विश्व मलेरिया दिवस पर कविता /राजकिशोर धिरही बचना मच्छर काट से,मानो मेरी बातमच्छरदानी को लगा,नींद पड़े दिन रात।।नींद पड़े दिन रात,हटे बाधा तब सोना।स्वच्छ रहे घर द्वार,साफ हो कोना कोना।।मलेरिया से दूर,सुरक्षा घेरा रचना।उड़ते मक्खी कीट,सदा इनसे तुम बचना।। पानी आँगन में भरे,बाहर उसको फेंक।मच्छर का लार्वा बढ़े,बीमारी की टेक।।बीमारी की टेक,गंदगी बढ़ता जाता।मलेरिया ज्वर … Read more