रामजी विराजेंगे / रमेश कुमार सोनी
रामजी विराजेंगे / रमेश कुमार सोनी रामजी आए हैं संग ख़ुशियाँ लाए हैं सज-धज चमक रही हैं गलियाँपलक-पाँवड़े बिछे हैं सबकेरंगोलियाँ लगी दमकने हो गए हैं सबके वारे-न्यारे जन्मों के सोये भाग लगे मुस्काने। अभागे चीखते रहेये बनाओ,वो बनाओ-बनेगा वही जो‘होइहैं वही जो राम रुचि राखा’,जगमग हैं घर-घरौंदेंसजधज लौटी है दीवालीआनंद मगन नाच रहे हैं … Read more