चैत्र नवरात्र पर घनाक्षरी

नवदुर्गा सनातन धर्म में माता दुर्गा अथवा माता पार्वती के नौ रूपों को एक साथ कहा जाता है। इन नवों दुर्गा को पापों की विनाशिनी कहा जाता है, हर देवी के अलग अलग वाहन हैं, अस्त्र शस्त्र हैं परन्तु यह सब एक हैं। माता के नव् रूपों पर कविता बहार की कुछ रचनाये – चैत्र … Read more

बेटी पर दोहे -सुकमोती चौहान

बेटी पर दोहे -सुकमोती चौहान १.बेटी होती लाड़ली,जैसे पुष्पित बाग।बिन बेटी के घर लगे, रंग चंग बिन फाग।। २.बेटी लक्ष्मी गेह की,अब तो नर लो मान।सेवा कर माँ बाप की,बनती कुल की शान।। ३.साक्षर होगी बेटियाँ,उन्नत होगा देशभर संस्कार समाज में,बदलेंगी परिवेश।। ४.बहु भी बेटी होत है,रखो न दूजा भावनिज बेटी सा मान दो,लाओ जी … Read more

माँ कुष्माण्डा पर कविता

माँ कुष्माण्डा पर कविता सूर्य मंडल में बसी,अलौकिक कांति भरी,शक्ति पूँज माँ कुष्माण्डा,तम हर लीजिए।अण्ड रूप में ब्रम्हाण्ड,सृजन कर अखण्ड,जग जननी कुष्माण्डा,प्राण दान दीजिए।दुष्ट खल संहारिनी,अमृत घट स्वामिनी,आरोग्य प्रदान कर, रुग्ण दूर कीजिए।शंख चक्र पद्म गदा,स्नेह बरसाती सदा,सृष्टि दात्री माता रानी,ईच्छा पूर्ण कीजिए ✍ सुकमोती चौहान “रुचि”बिछिया,महासमुन्द,छ.ग.कविता बहार से जुड़ने के लिये धन्यवाद

गौरी पर दोहे

दुर्गा या आदिशक्ति हिन्दुओं की प्रमुख देवी मानी जाती हैं जिन्हें माता, देवी, शक्ति, आध्या शक्ति, भगवती, माता रानी, जगत जननी जग्दम्बा, परमेश्वरी, परम सनातनी देवी आदि नामों से भी जाना जाता हैं।शाक्त सम्प्रदाय की वह मुख्य देवी हैं। दुर्गा को आदि शक्ति, परम भगवती परब्रह्म बताया गया है। “गौरी पर दोहे” 1.शंकर की अर्धान्गिनी, गौरी जी कहलाय  बैठी शिव के वाम में, … Read more

गौरैया पर कविता

गौरैया पर कविता तू आई मेरे आँगन मेंअपने नन्हें बच्चे को लेकरफूदक फूदक खिला रही थीअपना चोंच, चोंच में देकरसजग सब खतरों सेताकती घुम घुम करनजाकत से चुगती दानाआहट पा उड़ जाती फुर्रदानों को खत्म होता देखमिट्ठी भर अनाज बिखराईडरकर क्यों तू चली गईजब मैंने सहृदयता दिखलाईप्यारी गौरैया तू सीखाती हैबच्चे को दुनिया की रीतसंभलकर … Read more