मैं तेरा बीज – पिता पर विशेष
मैं तेरा बीज – पिता पर विशेष मैं तेरा बीज – पिता पर विशेषहे पिता!मैं तेरा बीज हूँ।माँ की कोख मेंजो अंकुरित हुया ।जब-जब भुख लगी माँ,तेरे धरा का रसपान किया।गोदी में बेल की भांतिलिपटा और भरपूर जीया। तेरे खाद-पानी से पितापौधा से बना पेड़।मेरे आँखो में सदा बसा रहामाली की छवि में एक ईश्वर। … Read more