मनोज्ञा छंद “होली” – बासुदेव अग्रवाल

मनोज्ञा छंद “होली” रचयिता बासुदेव अग्रवाल।

शिव स्तुति

इन्द्रवज्रा/उपेंद्र वज्रा/उपजाति छंद

बासुदेव अग्रवाल ‘नमन’प्रस्तुत कविता शिव स्तुति भगवान शिव पर आधारित है। वह त्रिदेवों में एक देव हैं। इन्हें देवों के देव महादेव, भोलेनाथ, शंकर, महेश, रुद्र, नीलकंठ, गंगाधार आदि नामों से भी जाना जाता है।

वाणी और भाषा का प्रयोग – प्रिया शर्मा

मेरी ये दोहावली संत कबीर के एक दोहे को लेकर आज के समयानुसार बढ़ाने का छोटा सा प्रयास एवं हिंदी भाषा के प्रति जागरूकता के सापेक्ष है।

रिश्ते नाते (कुण्डलिया )- माधुरी डडसेना

रिश्ते नाते (कुण्डलिया )- माधुरी डडसेना नाते गढ़ने के लिए , रचने पड़ते स्वांग ।बार बार हैं जाँचते , कहता क्या पंचांग ।।कहता क्या पंचाग , बनी उत्सुकता भारी ।करते तिकड़म सर्व , कठिन करते तैयारी ।।मुदिता भर मुस्कान , शून्य फल लेकर आते ।कभी कहीं बन मीत , निभाते अपने नाते ।। नाते देखे … Read more

बहार शब्द पर दोहा

बहार शब्द पर दोहा रंग बिरंगे फूल से ,            छाए बाग बहार ।भौरें भी मदमस्त हो ,           झूमे मगन अपार ।। रखें भरोसा ईश पर ,             जीवन हो उजियार ।सदा प्रतिष्ठा मान से ,             छाए हर्ष बहार ।। घर में खुशी बहार है ,               अपने भी हैं साथ । करे दिखावा प्रेम का ,               पकड़ रखे … Read more