विविध छंदबद्ध काव्य
मन का मंथन – रामनाथ साहू ” ननकी “
मन का मंथन मंथन मानस का करो , जानो सत्य असत्य ।कहाँ गुमी हैं मंजिलें , बूझ दिशा क्या गत्य ।।बूझ दिशा क्या गत्य , लक्ष्य से कब है छूटा ।भटका अपने मूल , स्वार्थ में किसको लूटा ।।कह ननकी कवि तुच्छ , आत्म का कर अभिनंदन ।निकले सब अपद्रव्य , सफल हो मानस मंथन … Read more
शंकर छंद विधान : शिव महिमा -रमेश शर्मा
शिव महिमा (शंकर छंद विधान) : 26 मात्रा 16,10पर यति पदान्त गुरु लघु प्रति दो चरण तुकांत।प्रस्तुत कविता शंकर छंद विधान पर आधारित है। वह त्रिदेवों में एक देव हैं। इन्हें देवों के देव महादेव, भोलेनाथ, शंकर, महेश, रुद्र, नीलकंठ, गंगाधार आदि नामों से भी जाना जाता है।
ऊर्जा संरक्षण
ऊर्जा संरक्षण (1)ऊर्जा सदा बचाइये,सीमित यह भंडार।धरती का वरदान है,जग विकासआधार। जग विकास आधार ,समझ कर इसे खरचना।बढ़े नहीं यह और ,सोचकर सभी बरतना। गीता सुन यह बात,चले सब दिन कल-पुर्जा।होगा संभव तभी,रहे जब रक्षित ऊर्जा।। (2)सूरज ऊर्जा पुंज है,इसका हो उपभोग।ऊर्जा संरक्षण करें,ले … Read more