पुष्प की अभिलाषा हिंदी कविता

पुष्प की अभिलाषा

“पुष्प की अभिलाषा” माखनलाल चतुर्वेदी की एक प्रसिद्ध कविता है, जिसमें एक पुष्प (फूल) की इच्छाओं और उसकी बलिदानी भावना का सुंदर वर्णन किया गया है। इस कविता के माध्यम से, कवि ने देशभक्ति और आत्म-समर्पण की भावना को प्रस्तुत किया है। पुष्प की अभिलाषा / माखनलाल चतुर्वेदी चाह नहीं, मैं सुरबाला केगहनों में गूँथा … Read more

मन मस्त हुआ तब क्यूँ बोले / कबीरदास

व्यक्तित्व विशेष कविता संग्रह

मन मस्त हुआ तब क्यूँ बोले / कबीरदास मन मस्त हुआ तब क्यूँ बोले हीरा पायो गाँठ गठियायो बार-बार बा को क्यूँ खोले हल्की थी तब चढ़ी तराजू पूरी भई तब क्यूँ तओले सूरत-कलारी भई मतवारी मदवा पी गई बिन तोले हंंसा पाए मानसरोवर ताल तलैया क्यूँ डोले तेरा साहब है घर माँ हीं बाहर … Read more

राम प्रसाद बिस्मिल की लिखी कविताएं

व्यक्तित्व विशेष कविता संग्रह

रामप्रसाद बिस्मिल एक क्रान्तिकारी थे जिन्होंने मैनपुरी और काकोरी जैसे कांड में शामिल होकर ब्रिटिश सरकार के विरुद्ध बिगुल फूंका था। वह एक स्वतंत्रता संग्रामी होने के साथ-साथ एक कवि भी थे और राम, अज्ञात व बिस्मिल के तख़ल्लुस से लिखते थे, उनके लेखन को सर्वाधिक लोकप्रियता बिस्मिल के नाम से मिली थी। पेश हैं … Read more

श्रीकृष्ण पर कवितायें- जन्माष्टमी पर्व विशेष

shri Krishna

श्रीकृष्ण पर कवितायें हठ कर बैठे श्याम, एक दिन मईया से बोले।ला के दे-दे चंद्र खिलौना चाहे तो सब ले-ले।हाथी ले-ले, घोड़ा ले-ले, तब मईया बोली।कैसे ला दूं चंद्र खिलौना, वो तो है बहुत दूरी। दूर गगन में ऐसे चमके, जैसे राधा का मुखड़ा।देख के ऐसा रूप सलोना कान्हा का मन डोला।राधा रानी को आज … Read more

सम्पूर्ण श्री कृष्ण गाथा पर कविता

shri Krishna

सम्पूर्ण श्री कृष्ण गाथा कृष्ण लीलाकाली अँधेरी रात थी ,होने वाली कुछ बात थी ,कैद में थे वासुदेव,देवकी भी साथ थीं। कृष्ण का जन्म हुआ,हर्षित मन हुआ,बंधन मुक्त हो गए,द्वारपाल सो गए। एक टोकरी में डाल ,सर पर गोपाल बाल,कहीं हो न जाए भोर,चल दिए गोकुल की और। रास्ते में यमुना रानी,छूने को आतुर बड़ीं … Read more