स्वयंसिद्धा

स्वयंसिद्धा देहरी को लाँघने ,साहस सदा तुममें रहा,अधिकार के सत्कार मेंकर्तव्य की कारा बना,क्यूँ  प्रश्न वाचक तुम बनी,अवधारणा को तोड़खोल पाँखे खोलहै तू सदा से ही ,जगतनियन्ता ने बनायासृष्टि के आदि से,पुराण, वेद, उपनिषद्कालातीत से कालांतरगढ़ा है ,सुझाया,जन्म जन्मातर से होदेवी तुम,स्वयंसिद्धा। ✍✍✍✍✍✍✍✍डॉ मीता अग्रवाल रायपुर छत्तीसगढ़कविता बहार से जुड़ने के लिये धन्यवाद

गौरी पर दोहे

दुर्गा या आदिशक्ति हिन्दुओं की प्रमुख देवी मानी जाती हैं जिन्हें माता, देवी, शक्ति, आध्या शक्ति, भगवती, माता रानी, जगत जननी जग्दम्बा, परमेश्वरी, परम सनातनी देवी आदि नामों से भी जाना जाता हैं।शाक्त सम्प्रदाय की वह मुख्य देवी हैं। दुर्गा को आदि शक्ति, परम भगवती परब्रह्म बताया गया है। “गौरी पर दोहे” 1.शंकर की अर्धान्गिनी, गौरी जी कहलाय  बैठी शिव के वाम में, … Read more

बेटा-बेटी में भेद क्यों पर कविता

बेटा-बेटी में भेद क्यों पर कविता सागर होते हैं बेटे, तो गंगा होती है बेटियांचांद होते हैं बेटे, तो चांदनी होती हैं बेटियांजग में दोनों ही अनमोल फिर भेद कैसा।।कमल होते बेटे,तो गुलाब होती हैं बेटियांपर्वत होते बेटे, तो चट्टान होती हैं बेटियांजग में दोनों ही अनमोल फिर भेद कैसा।।पेड़ होते हैं बेटे,तो धरा होती … Read more

गौरैया पर कविता

गौरैया पर कविता तू आई मेरे आँगन मेंअपने नन्हें बच्चे को लेकरफूदक फूदक खिला रही थीअपना चोंच, चोंच में देकरसजग सब खतरों सेताकती घुम घुम करनजाकत से चुगती दानाआहट पा उड़ जाती फुर्रदानों को खत्म होता देखमिट्ठी भर अनाज बिखराईडरकर क्यों तू चली गईजब मैंने सहृदयता दिखलाईप्यारी गौरैया तू सीखाती हैबच्चे को दुनिया की रीतसंभलकर … Read more

अन्तर्राष्ट्रीय महिला दिवस पर दोहे

अन्तर्राष्ट्रीय महिला दिवस पर दोहे नारी से है सुख  मिला, नारी से सम्मान।बिन नारी घर घर नही, लगता है सुनसान ।।1 नारी को सम्मान दो, नारी मात समान ।नारी से घर स्वर्ग है, सब पर देती जान ।।2 बिन घरनी के घर नहीं, बिना पुरुष परिवार ।स्त्री पुरुष का साथ रहे, जीवन देत सवार ।।3 … Read more