कर्मठता की जीत
कर्मठता की जीत स्वाभिमान मजबूत है , पोषण का है काज ।बैठ निठल्ला सोचता , बना भिखारी आज ॥लाचार अकर्मण्यता , मंगवा रही भीख ।काज बिना कर के करे , कुछ तो उससे सीख ॥आलसी लाचार बने , करे गलत करतूत ।कर्मठता सबसे बड़ी , कर देती मजबूत ॥मिलता है मेहनत से , जब भर … Read more