मैं भुंइया अंव

मैं भुंइया अंव बछर- बछर ले पानी पीएव ,मोर कोरा के सुखला भोगेव,रोवत हे तुंहर महतारी ,मोर लइका मन अब तो चेतव,सब के रासा -बासा मोर संग,मैं जग के सिरजइया अंव।मैं भुंइया अंव, मै भुंइया अंव।मोर कोरा मा उपजेव खेलेव,जिनगी के रद्दा ला गढ़ेव।तुंहर बर मैं हाँसेव रोएंवकुटका -कुटका तन ला करेंव।हिरदे मा पीरा ल … Read more

पिरामिड विधा पर रचना

हनुमत पिरामिड हेवायुतनयहनुमान दे वरदान रहें खुस हाल प्रभू  हर हाल में । हेदुखःहर्ता हेबजरंगीराम दुलारे भक्तन पुकारे हे कष्ट विनाशक। माँसीता को प्यारेले-मुदृकासमुद्र लांधे सिया सुधि लायेभक्तन हितकारी । श्रीराम छपतेलंका जला दानव   दलसंहार  करकेबाग उजारे प्रभू। लेवैद सुखेन संजीवनी लेकर आयेप्राण  लक्ष्मण केबचाये     बजरंगी । हेदेवमनायेतुम्हें रक्षाकरो जगतभव ताप हरो हे नाथ  महाबली … Read more

चैत्र शुक्ल में मनाएं नवरात्रि त्यौहार

चैत्र शुक्ल में मनाएं नवरात्रि त्यौहार चैत्र शुक्ल में मनाएं ,नवरात्रि त्यौहार ।सुख वैभव भरपूर ,खुशियां मिले अपार ।। प्रथम दिवस शैलपुत्री कुँवारी कन्या माता ।पूजा करने वाला सुख-सम्पति पाता ।। ब्रह्मचारिणी देवी है, स्त्री रूप में गुरु ।ज्ञान आनंद की दात्री पावन होती रूह ।। चंद्रघंटा के दशो भुजाओं में अस्त्र ।सिंह सवार होकर … Read more

कौन समय को रख सकता है

कौन समय को रख सकता है कौन समय को रख सकता है, अपनी मुट्ठी में कर बंद।समय-धार नित बहती रहती, कभी न ये पड़ती है मंद।।साथ समय के चलना सीखें, मिला सभी से अपना हाथ।ढल जातें जो समय देख के, देता समय उन्हीं का साथ।।काल-चक्र बलवान बड़ा है, उस पर टिकी हुई ये सृष्टि।नियत समय … Read more

चैत्र नवरात्र पर घनाक्षरी

नवदुर्गा सनातन धर्म में माता दुर्गा अथवा माता पार्वती के नौ रूपों को एक साथ कहा जाता है। इन नवों दुर्गा को पापों की विनाशिनी कहा जाता है, हर देवी के अलग अलग वाहन हैं, अस्त्र शस्त्र हैं परन्तु यह सब एक हैं। माता के नव् रूपों पर कविता बहार की कुछ रचनाये – चैत्र … Read more