पालन अपना कर्म करो

पालन अपना कर्म करो पाया जीवन है मनुष्य का,पालन अपना कर्म करो ।जीव जंतुओं पशु पक्षी पर, व्यहार को अपने नर्म करो ।।जल प्रथ्वी से खत्म हो रहा ।और पारा बढ़ता गर्मी का ।।जीवों पर संकट मंडराए ।रहा अंश ना नरमी का ।।दया नही आती जीवों पार,कुछ तो थोड़ी शर्म करो ।।जीव जंतुओं पशु पक्षी … Read more

हे सुरूज देंवता अतका झन ततिया

हे सुरूज देंवता अतका झन ततिया हे सुरूज देंवता अतका झन ततिया।तोर हाँथ जोरत हँव तोर पाँव परत हँव आगी झन बरसा।।चिरई चिरगुन के खोंधरा तिप गे अंड़ा घलो घोलागे।नान्हे चिरई उड़े बर सीखिस ड़ेना ओकर भुंजागे।रूख राई जम्मो झवांगे अतका झन अगिया।हे सुरूज देंवता अतका झन ततिया।बेंदरा भालू पानी पिये बर बस्ती भीतर खुसरगे।हिरन … Read more

मुहब्बत में ज़माने का यही दस्तूर होता है

मुहब्बत में ज़माने का यही दस्तूर होता है जिसे चाहो नज़र से वो ही अक्सर दूर होता हैमुहब्बत में ज़माने का यही दस्तूर होता हैबुलंदी चाहता पाना हरिक इंसान है लेकिनमुकद्दर साथ दे जिसका वही मशहूर होता है । सभी के हाथ उठते हैं इबादत को यहाँ लेकिनख़ुदा को किसका जज़्बा देखिये  मंजूर होता है।उलटते … Read more

गर्दिश में सितारे हों

गर्दिश में सितारे हों गर्दिश में सितारे हों जिसके, दुनिया को भला कब भाता है,वो लाख पटक ले सर अपना, लोगों से सज़ा ही पाता है। मुफ़लिस का भी जीना क्या जीना, जो घूँट लहू के पी जीए,जितना वो झुके जग के आगे, उतनी ही वो ठोकर खाता है। ऐ दर्द चला जा और कहीं, … Read more

प्यार का पहला खत पढ़ने को

प्यार का पहला खत पढ़ने को प्यार का पहला खत पढ़ने को* तड़पी है यारी आँखें,पिया मिलन की* चाह में अक्सर रोती है सारी आँखें। सुधबुध खोकर जीता जिसने प्रीत का* रास्ता अपनायाप्रेम संदेशा पहुँचाये* वो जन – जन तक प्यारी आँखें। कठिन डगर पनघट की जिसने समझा अक्सर दूर रहाहै* लक्ष्य भेदने में सक्षम … Read more