नित्य करूँ मैं वंदना

नित्य करूँ मैं वंदना नित्य करूँ मैं वंदना,गुरुवर को कर जोर।पाऊँ चरणों में जगह ,होकर भाव विभोर।। मात-पिता भगवान हैं,करना वंदन रोज।इन देवों को छोड़कर,करते हो क्या खोज? जिनके आशीर्वाद से ,हुआ सफल हर काम।करता हूँ नित वंदना,मात-पिता के नाम।। धरती माँ की वंदना,यह ही जग में सार।सबको समान जानकर,करती हैं उपकार।। प्रेम भाव से … Read more

मौत की खबर पर कविता

मौत की खबर पर कविता यूं ही मै गरल पीता रहा,चारदीवारी में गुनता रहा।नजर बंद हो अपने घर में,मौत खबर सब सुनता रहा। अपनों से अपने भी दूर हैं,काँधा भी नहीं मजबूर हैं।दूना कर गए ओ जगत को,अस्थियां उनके चुनता रहा।नजर बंद हो अपने घर में,मौत खबर सब सुनता रहा। छीनी किसने उनकी साँसें,उजड़ गई … Read more

श्रीराम पर कविता / डॉ एन के सेठी

Jai Sri Ram kavitabahar

श्रीराम पर कविता / डॉ एन के सेठी मर्यादा श्री राम की, जीवन में अपनाय।अहंभाव को त्यागकर,सदा नम्र बन जाय।।1।। सेवक हो हनुमान सा,होय न हिम्मत हार।लाय पहाड़ उठायके, करें दुखों से पार।।2।। अंत दशानन का हुआ, हुई राम की जीत।अहं भाव को त्यागकर, करो राम से प्रीत।।3।। रामचरित से सीख लें, संबंधों का मान।करें … Read more

हकीकतों पर कविता

हकीकतों पर कविता परिवर्तन के इसदौर मेंमैं एक ऐसे मोड़पर खड़ा हूंजहां से मुझे एकनिर्णायक निर्णयलेना हैपरंतुकुछ निर्णयलेने के पूर्वउन हकीकतों सेभी मुंह मोड़नामुझे मंजूर नहीं।।।

नौका पर कविता

नौका पर कविता मँझधारों में माँझी अटका,क्या तुम पार लगाओगी।जर्जर नौका गहन समंदर,सच बोलो कब आओगी। भावि समय संजोता माँझीवर्तमान की तज छाँयाअपनों की उन्नति हित भूलाजो अपनी जर्जर कायाक्या खोया, क्या पाया उसनेतुम ही तो बतलाओगी।जर्जर ………………. ।। भूल धरातल भौतिक सुविधाभूख प्यास निद्रा भूलारही होड़ बस पार उतरनाकल्पित फिर सुख का झूलाआशा रही … Read more