प्रेम पर कविता

प्रेम पर कविता प्रेम बडा ही,पावन जग में,इसके सम, कोई ना दूजा।प्रेमअलौकिक,और समर्पण,प्रेम धर्म,यही प्रेम पूजा।।????प्रेम शक्ति है,प्रेम भक्ति है,कोमल सा,अहसास यही है।प्रेम साधना, प्रेम तपस्या,ईश्वर सम, विश्वास यही है।।????निर्मल निर्झर, प्रेम प्रवाह,सदियों से,ये छलक रहा है।अनात्म से ही,आत्म का योग,समष्टि ही,प्रेम बन रहा है।।????प्रेम निस्सीम,अरुपावन है,जीवन का,अहसासअनोखा।प्रेम विस्तार,नही संकीर्ण,बिना प्रेम, जीवन है धोखा।।????प्रेम निस्वार्थ, … Read more

महावीर जयंती पर दोहे

महावीर जयंती पर दोहे जन्मदिवस शुभकामना,महावीर भगवान।संकट के इस काल में, पाएं उनसे ज्ञान।। सत्य अहिंसा का दिया,इस जग को संदेश।मार्ग दिखाया धर्म का,सभी मिटाए क्लेश।। बोधि वृक्ष की छाँव में, किया इन्होंने ध्यान।स्वयं कियाअनुभूत जो,दिया जगत को ज्ञान।। एकादश इन्द्रिय विजय, करके बनते धीर।वही स्वयं को जीतकर ,कहलाय महावीर।। नमन करें उन वीर को,स्वामी … Read more

जीवन है अनमोल पर कविता

जीवन है अनमोल पर कविता दुर्लभ मानव देह जन, सुनते कहते बोल।मानवता हित ‘विज्ञ’ हो, जीवन है अनमोल।।. ✨✨✨धरा जीव मय मात्र ग्रह, पढ़े यही भूगोल।सीख ‘विज्ञ’ विज्ञान लो, जीवन है अनमोल।।. ✨✨✨मानव में क्षमता बहुत, हिय दृग देखो खोल।व्यर्थ ‘विज्ञ’ खोएँ नहीं, जीवन है अनमोल।।. ✨✨✨मस्तक ‘विज्ञ’ विचित्र है,नर निजमोल सतोल।खोल अनोखे ज्ञान पट, … Read more

परिश्रम पर कविता

परिश्रम पर कविता वो मेहनतकशकरता रहा कड़ा परिश्रमफिर भी रहा अभावग्रस्तउसके श्रमफल परकरते रहे अय्याशीपूंजीपतिधर्म के नाम परकरते रहे शोषणधर्म के ठेकेदारसमानता के नाम परबटोरते रहे वोटकुटिल सियासतदानमेहनतकश के हालातरहे जस के तसजबकि उसके हक मेंलगते रहे नारेबनते रहे संगठनहोती रही राजनीतिआज तलक -विनोद सिल्ला©

जंगल पर कविता

जंगल पर कविता अब धीरे-धीरे सारा शहरशहर से निकलकर घुसते जा रहा है जंगल मेंआखिर उसे रोकेगा कौन साथी…?शहर पूरे जंगल को निग़ल जाएगा एक दिनआने वाली हमारी पीढ़ी हमसे ही पूछेगीखो चुके उस जंगल का पताहम क्या जवाब देंगे उन्हेंशहर की ओर इशारा करते हुए कहेंगेयही तो है बाकी बचा तुम्हारे हिस्से का जंगलहमारे … Read more