जगत नाथ जगदीश पर दोहा
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दोहा – जगत नाथ जगदीश है
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(१)
जगत नाथ जगदीश है,जग के पालनहार।
जन्म लिए संसार में,हरने को भू – भार।।(२)
हृदय लगाकर पूजना,करके पावन कर्म।
देवों का आशीष पा,सदा निभाना धर्म।।(३)
मानव जीवन सार है,सब जन्मों में श्रेष्ठ।
जिसकी जैसी भावना,पाता वहीं यथेष्ठ।।(४)
शांत रहे जो निज हृदय,तब सुख का भंडार।
जब पूजों भगवान को,चलकर आता द्वार।।(५)
पूर्ण हुई इच्छा सभी,आ जगदीश्वर धाम ।
रहते हैं अब ध्यान में,प्रभुवर आठोंयाम।।~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~
रचनाकार डीजेन्द्र कुर्रे “कोहिनूर”
पिपरभवना,बलौदाबाजार (छ.ग.)
मो. 8120587822