माँ शारदे पर कविता

माँ शारदे पर कविता सृजनता का आधार दे।मुझको ऐसा ज्ञान दे । अंधकार को दूर मिटा के।ज्ञान का प्रकाश दे । नमन् करूँ मै माँ शारदे को ।मुझको नित ही ज्ञान मिले ।ज्ञान,विद्या,संगीत, कला । अधिष्ठात्री देवी का वर मिले।वीणा,पुस्तक,माला धारिणी ।नित्य मैं करुँ चरण वंदना ।बर्ह्मलोक विराजे,हंसवाहिनी श्वेतपद्मासना । नित्य करूँ मैं नमन तुमको।विद्या,बुद्धि,वक … Read more

श्रमिक-विकास की बुनियाद पर कविता

श्रमिक-विकास की बुनियाद पर कविता सूरज की पहली किरण से काम पर लग जाता हूँ।ढलते सूरज की किरणों संग वापस घर को आता हूँ।अपने घर परिवार के लिए,शरीर की चिंता छोड़ मैं।हवा,पानी,धूप,छांह को हँसकर सह जाता हूँ।।1।। नव निर्माण,नव विहान की शुरुआत हूँ मैं।देश के विकास की पहली ईंट बुनियाद हूँ मैं।सोचता हूँ गढ़ रहा … Read more

गांधी जी के सपनों पर कविता

mahatma gandhi

गांधी जी के सपनों पर कविता गांधीजी के सपनों का है ये भारत,उन्नत होकर विकसित होता ये भारत।ग्रामीण परिवेश में जागरूकता बढ़ाया,स्वदेशी अपनाकर अभियान चलाया।। आर्थिक सामाजिक न्याय बताकर,गाँव के विकास को समझाया।व्यापकता की दृष्टि फैलाकर,जाति,धर्म,भाषा के भेदभाव को मिटाया।। नर-नारी को समानता दिलाकर,जीवन जीने का ढंग बताया।आमजनों को शिक्षा देकर,मानव चेतना को जागृत कराया।। … Read more

वाह रे कोरोना से हालत पर कविता

कोरोना से हालत पर कविता वाह रे , कोरोना ! तूने तो गजब कर डाला ,छोटी सोच और अहंकार को ,तूने चूर-चूर कर डाला ।।वाह रे , कोरोना ! …… पैसो से खरीदने चले थे दुनिया ,ऐसे नामचीन पड़े है होम आईसोलोशन में ,तूने तो पैसो को भी , धूल-धूल कर डाला ।।वाह रे , … Read more